अनाज को भी जीएसटी दायरे में लाने की तैयारी, सरकार ने बनाई समिति

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नई दिल्ली, गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019। जल्द ही जनता को अनाज जैसे उत्पादों पर जीएसटी चुकाना पड़ सकता है। राजस्व बढ़ाने के लिए गठित की गई अधिकारियों की समिति अनाजों को भी जीएसटी के तले लाने के बारे में विचार कर रही है। फिलहाल अनाज पर मूल्य वर्धन कर प्रणाली के तहत खरीदी कर लगता है। समिति कर चोरी रोकने के लिए रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म लागू करने और कंपोजिशन योजना के तहत दरों में बदलाव करने के बारे में भी सोच रही है। कंपोजिशन योजना के तहत जीएसटी में फ्लैट टैक्स रेट मिलता है और रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म हो सकता है लागू
समिति का कहना है कि अनाज पर रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म के तहत जीएसटी लगाया जा सकता है। इसमें कोई पंजीकृत कंपनी गैर-पंजीकृत कंपनी की तरफ से जीएसटी भर सकती है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, अब तक अनाज जैसे कई उत्पाद थे, जहाँ थोक व्यापारी खरीदी कर अदा किया करते थे। लेकिन अब व्यापारियों को इससे छूट दे दी गई है। अब जीएसटी में दरें काफी कम हो गई हैं। जीएसटी लागू होने से पहले की दरें, मौजूदा जीएसटी दरों से अधिक हैं। सरकार बिना लाभ कमाए जीएसटी लागू करना चाहती थी, लेकिन अब सरकार को इसमें नुकसान हो रहा है।
19 माह के निचले स्तर पर पहुँचा जीएसटी आवक
दरअसल चालू वित्त वर्ष के सितंबर माह में जीएसटी आवक 19 महीनों के निचले स्तर 91,916 करोड़ रुपये पर पहुँचा। यह आँकड़ा पिछले साल सितंबर माह के जीएसटी आवक से 2.67 प्रतिशत कम है। मौजूदा वित्त वर्ष के अगस्त माह में हुए 98,202 करोड़ रुपये के जीएसटी आवक से सितंबर 2019 में 6.4 प्रतिशत कम जीएसटी आवक हुआ। इसी के चलते सरकार ने राजस्व बढ़ाने के उपाय तलाशने के लिए समिति का गठन किया है।