किसान गर्जना- केन्द्र सरकार से लाभकारी मूल्य लेने के लिये भारतीय किसान संघ का दिल्ली में आंदोलन

 किसान गर्जना- केन्द्र सरकार से लाभकारी मूल्य लेने के लिये भारतीय किसान संघ का दिल्ली में आंदोलन

आंदोलन में शामिल होंगे मध्यप्रदेश से 25 हजार और छत्तीसगढ़ से 5 हजार किसान: महेश चौधरी

स्वतंत्रता के महोत्सव पर कृषि से जुड़े विषयों पर हो मंथन

किसानों को लाभकारी मूल्य मिले

कृषि यंत्रों और उपकरणों पर जीएसटी की छूट दी जाये

जीएम सरसों को प्रतिबंधित किया जाये

भोपाल, बुधवार, 2 नवम्बर 2022। देश के किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले, किसानों की इस मुख्य समस्या के साथ भारतीय किसान संघ 19 दिसंबर 2022 को किसान गर्जना नाम से वृहद प्रदर्शन करेगा जिसमें देशभर के राज्यों के किसान सम्मिलित होंगे। मध्यप्रदेश से 25 हजार और छत्तीसगढ़ से 5 हजार किसान इस आंदोलन में शामिल होंगे। भारतीय किसान संघ के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने कृषक दुनिया के संपादक संदीप श्रीवास्तव से हुई विशेष चर्चा में यह जानकारी दी।


महेश चौधरी ने बताया कि अब तक की केंद्र सरकारें केंद्रीय मूल्य आयोग की अनुशंसा के अनुसार देश में खरीफ और रबी फसलों की कुछ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (मिनिमम सपोर्ट प्राइस- एम.एस.पी.) घोषित करती आई हैं। घोषित एम.एस.पी. पर केंद्र और राज्य सरकार अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीफ और रबी फसलों की किसानों से खरीदी करती हैं। लम्बे समय से भारतीय किसान संघ केंद्र सरकार से यह आग्रह करते आया है कि फसलों की लागत पर एक निश्चित प्रतिशत के साथ लाभ जोड़कर एम.एस.पी. के स्थान पर लाभकारी मूल्य की घोषणा की जाये। पूर्ववर्ती केंद्रीय सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा यह दावा किया जाता है कि घोषित एम.एस.पी., फसल लागत से न्यूनतम 50 प्रतिशत अधिक है, के उत्तर में श्री चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह दावा सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं केंद्र सरकार उन घटकों को शामिल नहीं कर रही है जो उनके संगठन ने किसानों से चर्चा कर लागत में जोड़े हैं। साथ ही यह भी संभव है कि केंद्रीय मूल्य आयोग ने कम खर्च का आंकलन किया हो। श्री चौधरी ने कहा कि भारतीय किसान संघ मध्यप्रदेश ने प्रदेश के किसानों से चर्चा करके विभिन्न फसलों के लागत मूल्य की एक पुस्तिका तैयार की है।

श्री चौधरी ने बताया कि कृषि उपकरणों और यंत्रों पर से जी.एस.टी. हटाने, अनुवांशिकी फसलों को भारत में प्रवेश नहीं देने जैसे अन्य विषय भी आंदोलन में शामिल रहेंगे।

कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों की समस्याओं और चुनौतियों पर मंथन करे केंद्र सरकार

क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर केंद्रीय सरकार के कई मंत्रालय और विभाग जब देशभर में अनेक विषयों पर कार्यशालाएँ और संगोष्ठियाँ आयोजित कर चिन्तन, मनन और मंथन कर रहे हैं, ऐसे में कृषि प्रधान देश में भी किसानों और कृषि से सम्बन्धित विषयों को लेकर खुली चर्चा की जाये। कृषि क्षेत्र से युवाओं के पलायन, कृषि जलवायु परिवर्तन आदि विषयों पर केंद्र सरकार, किसान और अन्य हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा की जाये।