किसानों की समस्याओं को लेकर राजधानी में होगा भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन: महेश चौधरी

किसानों की समस्याओं को लेकर राजधानी में होगा भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन: महेश चौधरी



भोपाल। किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ की मध्यप्रदेश इकाई 22 नवंबर 2022 को राजधानी भोपाल में एक बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है। इस वृहद प्रदर्शन में प्रदेश के सुदूर अंचलों और गाँवों से आकर किसान राजधानी भोपाल में एकजुट होंगे। भारतीय किसान संघ के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने कृषक दुनिया के संपादक संदीप श्रीवास्तव से हुई विशेष चर्चा में यह जानकारी दी।

क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने बताया कि राजधानी भोपाल में किसान शक्ति का शंखनाद होगा जिसमें गाँवों से आकर किसान शिवराज सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान चाहेंगे। इस प्रर्दशन की तैयारियों को लेकर मंगलवार, 1 नवम्बर 2022 को भोपाल के टी.टी. नगर स्थित अपेक्स बैंक परिसर के सभागार समन्वय भवन में भारतीय किसान संघ के तहसील से लेकर प्रदेश तक के पदाधिकारियों की एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रदेश, प्रांत (मालवा प्रांत, मध्य भारत प्रांत और महाकौशल प्रांत) और संभाग की कार्यकारिणी और तहसील अध्यक्ष व तहसील मंत्री की अपेक्षित उपस्थिति के साथ कुल 575 कार्यकर्ता उपस्थित रहे। भारतीय किसान संघ ने मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस और गोपाष्टमी पर गोमाता का पूजन भी किया।

महेश चौधरी ने बताया कि भारतीय किसान संघ के वर्तमान में मध्यप्रदेश में 7 लाख सदस्य हैं। प्रदेश में 6 हजार ग्राम समितियाँ गठित हैं। ग्राम समितियों में 11 सदस्य होते हैं। इस दृष्टि से किसान शक्ति का शंखनाद प्रदर्शन कार्यक्रम में कम से कम 60 हजार किसानों के शामिल होने की पूरी संभावना है, जबकि लक्ष्य एक लाख किसानों का रखा गया है। किसान अपने-अपने गाँव में ग्राम सभा आयोजित कर ज्वलंत समस्याओं पर प्रस्ताव पारित करेंगे और आगामी कार्रवाई हेतु विधान सभा (राजधानी भोपाल) में 22 नवंबर 2022 को प्रात: 11 बजे मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, (लाल परेड मैदान के सामने) पहुँचेंगे।

श्री चौधरी ने बताया कि भारतीय किसान संघ विगत 43 वर्षों से किसान समाज के जागरण एवं समस्याओं के समाधान के काम में निरंतर लगा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश के किसान मुख्यत: 18 बिन्दुओं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर समस्याओं का त्वरित समाधान चाहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय किसान संघ देश का अनुशासित एवं राष्ट्रवादी संगठन है। इसलिये कार्यकर्ताओं को मर्यादा में रहते हुए अच्छे आचरण और व्यवहार के साथ प्रदर्शन करने के निर्देश दिये गये हैं।



विधान सभा का सात दिवसीय विशेष सत्र बुलाए प्रदेश सरकार

क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने बताया कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर जब पूरे देश के अंदर अनेक विषयों पर कार्यशालाएँ और संगोष्ठियाँ आयोजित कर चिन्तन, मनन और मंथन चल रहा है, ऐसे में कृषि प्रधान प्रदेश मध्यप्रदेश में भी किसानों और कृषि से सम्बन्धित विषयों को लेकर खुली चर्चा हेतु विधानसभा का सात दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाये। इसके लिये भारतीय किसान संघ ने 22 नवम्बर से पहले 10 नवम्बर को प्रदेश की सभी विधानसभाओं में विधायकों के समक्ष ढोल, मंजीरों के साथ प्रदर्शन कर उन्हें माँग पत्र सौंपने की योजना तैयार की है। भारतीय किसान संघ की ओर से सभी तहसील अध्यक्षों को एक माँग पत्र तैयार करके दिया गया है, जिसमें 10 विषयों पर विशेष सत्र बुलाने की माँग की गई है। महेश चौधरी ने बताया कि इन 10 विषयों पर सरकार वर्तमान में की गई और भविष्य में की जाने वाली अपनी योजनाओं के सम्बन्ध में खुलकर चर्चा करे। सरकार की योजनाओं से प्रदेश के किसानों क्या लाभ मिला, क्या लाभ मिलेगा और वो योजनाएँ कैसी हों जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो, इसके संबंध में आँकड़ों के साथ विस्तृत चर्चा की जानी चाहिये।


यहाँ होगा किसान शक्ति का शंखनाद

मंगलवार, 22 नवंबर 2022 को भोपाल के मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, लाल परेड ग्राउंड के सामने प्रात: 11 बजे


18 से अधिक मुख्य माँगें हैं किसानों की, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से

01. प्रदेश सरकार खेती किसानी से संबंधित विषयों पर चर्चा हेतु विधान सभा का सात दिवसीय विशेष सत्र बुलाए।

राजस्व

02. प्राकृतिक आपदा के तहत अतिवृष्टि, कीट-रोग और अफलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिये क्षति पूर्ति राशि दी जाये।

03. जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाये।

04. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व अन्य बीमा योजना के तहत फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिये बीमा राशि का अतिशीघ्र भुगतान किया जाये।

05. राजस्व से जुड़े प्रकरणों का पंचायत स्तर पर समाधान शिविर लगाकर समाधान किया जाये।

06. जमीन क्रय करने वाले व्यक्ति को रजिस्ट्री के बाद अधिकतम 7 दिवस में उसके नाम जमीन का नामान्तरण भी किया जाये।

07. जिन क्षेत्रों में कृषि भूमि की गाईडलाईन बहुत कम है, उसे बढ़ाया जाये।

08. भूमि अधिग्रहण के समय किसानों को गाईडलाईन से 4 गुना अधिक मुआवजा दिया जाये। अति आवश्यक होने पर ही उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया जाये।

09. प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाये, जिससे योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सकेगी। क्योंकि वर्तमान में अनेक कॉलोनाइजर सस्ते और सुलभ भूखण्ड जनता को उपलब्ध करवा रहे हैं।

कृषि

10. जिन किसानों को भावान्तर राशि का भुगतान नहीं किया गया था, किया जाये।

11. प्रदेश में जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने के लिये जैविक कृषि बोर्ड का गठन किया जाये।

12. राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत प्रति वर्ष मिलने वाली 4,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाये।

13. प्रदेश की मण्डियों में कार्यरत् महिला मजदूरों को हम्माल का दर्जा दिया जाये।

14. प्रदेश की मण्डियों में उपज के मानक परीक्षण हेतु परीक्षण उपकरण लगाएं जाएं।

15. प्रदेश की मण्डियों में कृषि उपज तौलने हेतु 10 टन के फ्लैट काँटे लगवाए जाएं।

16. भारतीय किसान संघ द्वारा बनाये गये सभी किसान उत्पादक संघों (फारमर प्रोड्यूसर ऑर्गनाईजेशन्स- एफ.पी.ओ.) को सभी प्रकार की सहकारी सहायता उपलब्ध कराई जाये।

विद्युत

17. मुख्यमंत्री कृषि पम्प अनुदान योजना अति शीघ्र शुरू की जाये।

18. सभी ओवरलोड ट्रांसफार्मरों को अंडरलोड किया जाये।

19. जले हुए ट्रांसफार्मरों को 24 घण्टे में उपलब्ध करवाया जाये।

20. ट्रांसफार्मर को लेकर एक आपातकालीन सेवा उप संभाग स्तर पर चालू की जाये।

21. जिन किसानों की विद्युत पम्पों की बिना जाँच किये भार वृद्धि की गई है, उसे अतिशीघ्र वापस लिया जाये।

22. सभी बिजली वितरण केन्द्रों पर बिजली और बिजली बिल से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान हेतु समाधान शिविर आयोजित किये जायें।

सिंचाई

23. बलराम तालाब योजना पुन: अतिशीघ्र शुरू की जाये।

24. प्रदेश की सभी नहरों की मरम्मत का काम शुरू किया जाये ताकि समय पर किसानों को फसलों की सिंचाई हेतु पानी मिल सके।

सहकारिता

25. डिफाल्टर हुए किसानों का ब्याज माफ कर उन्हें समितियों (सोसायटीओं) से खाद-बीज प्रदान किया जाये।

सड़क

26. मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना पुन: अतिशीघ्र शुरू की जाये।

पशुपालन

27. प्रदेश में देशी गाय पालने वाले गोपालक किसानों को 9,000 रुपये प्रति गाय प्रति माह अनुदान दिया जाये।