किसानों की जायज समस्याओं को पूरा करने में सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी: मुख्यमंत्री श्री चौहान

किसानों की जायज समस्याओं को पूरा करने में सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी: मुख्यमंत्री श्री चौहान

किसानों के हित में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की 18 घोषणाएँ

कर्ज माफी योजना में डिफाल्टर हुए किसानों की ब्याज राशि सरकार भरेगी

मुख्यमंत्री कृषि पम्प अनुदान योजना और मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना फिर से शुरू की जायेगी

भोपाल। किसानों की जायज समस्याओं को पूरा करने में सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंगलवार, 22 नवम्बर 2022 को यहाँ मोतीलाल नेहरू विज्ञान महाविद्यालय परिसर में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित 'किसान शक्ति का शंखनाद' आंदोलन में यह बात कही।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के बीच इस भाव के साथ आया हूँ कि किसानों की जो भी जायज समस्याएँ हैं, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अफसरों के लिये थोड़ी चला रहे हैं। यदि कोई समस्या होगी तो हल करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह वल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों से पूछते हैं तो वे कहते हैं, सब ठीक-ठाक है साब, सब बढिय़ा चल रहा है। लेकिन भीड़ में किसानों के बीच में से जो चीजें आयें और वो सरकार के सामने ठीक से रख दी जायें तो सही रहता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारतीय किसान संघ द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर किये गये इस आंदोलन को लेकर भारतीय किसान संघ का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारतीय किसान संघ समय-समय पर सरकार के सामने किसानों की सही स्थिति रखता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय किसान संघ द्वारा की गई इन माँगों को स्वीकार करते हुए किसानों के हित में की घोषणाएँ

01. पूरे प्रदेश में किसान की मर्जी के बगैर कोई जमीन अधिग्रहित नहीं की जायेगी। जमीन अधिग्रहित करने से पूर्व किसान की अनुमति, सहमति ली जायेगी।

02. प्राकृतिक आपदा के तहत अतिवृष्टि, कीट-रोग और अफलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिये क्षति पूर्ति राशि दी जायेगी।

03. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिये बीमा राशि का अतिशीघ्र भुगतान किया जायेगा।

04. कर्ज माफी योजना से डिफाल्टर हुए किसानों की कर्जे की ब्याज राशि सरकार भरेगी।

05. सरकारी जमीन पर कब्जा करके बरसों से खेती करने वालों सभी वर्ग के लोगों को स्थाई पट्टे दिये जायेंगे।

06. राजस्व से जुड़े प्रकरणों का पंचायत स्तर पर समाधान शिविर लगाकर समाधान किया जायेगा ताकि किसानों को तहसील का चक्कर नहीं लगाना पड़े।

07. जमीन क्रय करने वाले व्यक्ति को रजिस्ट्री के बाद अधिकतम 7 दिवस में उसके नाम जमीन का नामान्तरण भी किया जायेगा।

08. प्रदेश की मण्डियों में उपज के मानक परीक्षण हेतु परीक्षण उपकरण लगाएं जाएंगे।

09. प्रदेश की मण्डियों में कृषि उपज तौलने हेतु 10 टन के फ्लैट काँटे लगवाए जाएंगे।

10. मुख्यमंत्री कृषि पम्प अनुदान योजना शुरू करने के लिये अगले बजट में प्रावधान कर दिया जायेगा।

11. किसान अपनी ओर से ट्रांसफार्मर यानी डीपी लगवा सकेंगे, सरकार इसके लिये किसानों को अनुदान राशि देगी।

12. सभी ओवरलोड ट्रांसफार्मरों को अंडरलोड किया जायेगा इसके लिये वहाँ अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखने की व्यवस्था की जायेगी।

13. जले हुए ट्रांसफार्मरों को 24 घण्टे में उपलब्ध करवाने के बजाये 32 से 36 घण्टों के मध्य बदल दिया जायेगा।

14. जिले में होने वाली फसलों को अधिसूचित कर दिया जायेगा।

15. मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना फिर से चालू कर दी जायेगी।

16. बिजली से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान हेतु समाधान शिविर आयोजित किये जायेंगे।

17. नहर की मरम्मत कर अंतिम छोर तक पानी पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

18. शक्कर कारखानों के मालिकों से चर्चा कर गन्ना बकाया किसानों को उनकी राशि का भुगतान करवाया जायेगा।

आंदोलन में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर सहित पूर्व अध्यक्ष रामभरोस बासोतिया, राम प्रसाद सूर्या, राजेन्द्र पालीवाल, जगराम सिंह यादव, दिनेश पाटीदार, प्रकाश रघुवंशी, नारायण यादव, कैलाश सिंह ठाकुर, योगेन्द्र भामू, नवनीत रघुवंशी, मध्य भारत प्रांत के संगठन मंत्री मनीष शर्मा सहित अन्य मंचासीन पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पूरे प्रदेश  से आये किसान उपस्थित रहे। भारतीय किसान संघ की राजस्थान प्रदेश इकाई के चित्तौडग़ढ़ प्रान्त से भी किसान राजधानी भोपाल में उपस्थित रहे।