पूरे प्रदेश में किसान की मर्जी के बिना कोई जमीन अधिग्रहित नहीं की जायेगी: मुख्यमंत्री श्री चौहान

पूरे प्रदेश में किसान की मर्जी के बिना कोई जमीन अधिग्रहित नहीं की जायेगी: मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल। पूरे प्रदेश में किसान की मर्जी के बिना कोई जमीन अधिग्रहित नहीं की जायेगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंगलवार, 22 नवम्बर 2022 को यहाँ मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय परिसर में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित 'किसान शक्ति का शंखनाद' आंदोलन में यह बात कही।




आंदोलन में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर सहित पूर्व अध्यक्ष रामभरोस बासोतिया, राम प्रसाद सूर्या, राजेन्द्र पालीवाल, जगराम सिंह यादव, दिनेश पाटीदार, प्रकाश रघुवंशी, नारायण यादव, कैलाश सिंह ठाकुर, योगेन्द्र भामू, नवनीत रघुवंशी, मध्य भारत प्रांत के संगठन मंत्री मनीष शर्मा सहित अन्य मंचासीन पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पूरे प्रदेश  से आये किसान उपस्थित रहे। भारतीय किसान संघ की राजस्थान प्रदेश इकाई के चित्तौडग़ढ़ प्रान्त से भी किसान राजधानी भोपाल में उपस्थित रहे।

इंदौर इकॉनॉमिक कॉरिडोर योजना समाप्त हो लिखी हुई तख्तियों कई किसानों ने हाथों में ली हुई थीं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार को बाँध बनाने, सड़क बनाने, शहरों का विकास करने के लिये किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि कि बिना किसान की मर्जी के उनकी कोई जमीन अधिग्रहित नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिये जमीन की जरूरत पड़ती है। लेकिन वो जमीन जबरदस्ती से नहीं ली जायेगी। किसान की सहमति से ही जमीन ली जायेगी। जमीन अधिग्रहित करने के लिये किसानों की अनुमति ली जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आंदोलन कर रहे किसानों के समक्ष कहा कि मैं किसान हूँ, इसलिये मैं फिर एक बार कहता हूँ चाहे जो व्यवस्था करनी पड़े लेकिन किसान की मर्जी के बिना जमीन नहीं ली जायेगी।

मुख्यमंत्री के आने से पूर्व भारतीय किसान संघ के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हाल ही में देवास विकास प्राधिकरण ने देवास के आसपास के 32 गाँवों की जमीन को अधिग्रहित करने की योजना बनाई है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने इंदौर महानगर के विस्तार के लिये हजारों एकड़ जमीन धीरे-धीरे अधिग्रहित कर ली। ऐसा ही रतलाम और अन्य शहरों के विकास प्राधिकरणों के द्वारा किया जा रहा है। श्री चौधरी ने कहा कि किसानों की मर्जी के बगैर उनकी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाये। सरकार का प्रयास हो कि सोना उगलने वाली अर्थात् खेती की जमीन जो द्वि फसली या तीन फसल वाली हो का अधिग्रहण नहीं किया जाये। उद्योग स्थापित करने के लिये बंजर भूमि का ही उपयोग किया जाये। अगर किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना जरूरी हो तो कलेक्टर गाईड लाईन से चार गुना अधिक मूल्य पर अधिग्रहण किया जाये।

महेश चौधरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार देवास जिले के चापड़ा के पास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने जा रही है। हम इसका स्वागत करते हैं लेकिन किसानों की जमीन नहीं छिनी जाए। जरूरत हो तो कलेक्टर गाईड लाईन से चार गुना अधिक मूल्य पर अधिग्रहण किया जाये।


जानिये जमीन अधिग्रहण को लेकर और क्या थीं भारतीय किसान संघ की माँगें

01. अति आवश्यक होने पर ही उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया जाये।

02. भूमि अधिग्रहण के समय किसानों को गाईडलाईन से 4 गुना अधिक मुआवजा दिया जाये।

03. जिन क्षेत्रों में कृषि भूमि की गाईडलाईन बहुत कम है, उसे बढ़ाया जाये।

04. प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाये, जिससे योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सकेगी। क्योंकि वर्तमान में अनेक कॉलोनाइजर सस्ते और सुलभ भूखण्ड जनता को उपलब्ध करवा रहे हैं।