सहकार के बिना उद्धार संभव नहीं है: मंत्री श्री सिलावट

Tulsi Silawat Minister for Fish addressing AGM on Tuesday, 22 September 2020 in Bhopal
मत्स्य महासंघ की 24वीं वार्षिक बैठक सम्पन्न
भोपाल। सहकार के बिना उद्धार संभव नहीं है। मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार, 22 सितम्बर 2020 को मप्र मत्स्य महासंघ की 24वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
मंत्री तुलसी राम सिलावट ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए विभाग और मत्स्य महासंघ की भूमिका महत्वपूर्ण है। मछुआ महासंघ के सदस्यों के जीवन में सामाजिक आर्थिक बदलाव लाने के लिए संघ प्रभावी भूमिका निभा सकता है। सहकार के बिना उद्धार संभव नहीं है। इसके लिए सामूहिक रुप से प्रयास किये जाने चाहिये। श्री सिलावट ने कहा कि मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिये नयी तकनीकों का प्रयोग करें। इसके लिए मछुआ संघ के सदस्यों को अधिक मछली उत्पादन करने वाले प्रदेशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए। वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग कर प्रदेश में मत्स्य उत्पादन बढ़ाया जाये।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मछुआ संघ के सदस्यों के बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिये स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाए जाये। उन्होंने कहा कि कृषि की तुलना में मछली उत्पादन व्यवसाय से अधिक लाभ कमाया जा सकता है। अधिक से अधिक लोग इस व्यवसाय से जुड़ेंगे तो उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
महासंघ की सभा में बताया गया कि सामूहिक अनुमोदन से आगामी वर्ष के लिए 12 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष संघ को 9 करोड़ से अधिक की शुद्ध आय प्राप्त हुई है। शासन 6 रुपये प्रति किलो के मान से 3 करोड़ 18 लाख की रॉयल्टी भी दी गई है। एक हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में मध्यम और बड़े तालाब में आधुनिक तकनीक का प्रयोग शुरू किया गया है।