प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के हितग्राहियों को 4 हजार रुपये अतिरिक्त देगी मध्यप्रदेश सरकार: मुख्यमंत्री श्री चौहान

Madhyapradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan along with Cooperative Minister Arvind Singh Bhadoriya distributing KCC to dairy and fish farmers in Bhopal on Tuesday, 22 September 2020
मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित होंगे 80 लाख किसान
किसानों को ब्याज मुक्त ऋण के लिए बैंकों और समितियों को 800 करोड़ रुपये जारी
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के हितग्राहियों को 4 हजार रुपये अलग से देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस से आरंभ गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार, 22 सितंबर 2020 को मिंटो हाल भोपाल में आयोजित 'सबको साख-सबका विकास' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह और प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव उपस्थित थे। 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना प्रारंभ होगी। इस योजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र हितग्राहियों को चार हजार रुपये की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दिलवाना है। करीब 80 लाख किसान इससे लाभान्वित होंगे। वर्तमान में योजना के अंतर्गत ऐसे छोटे-छोटे किसानों को जो अन्य योजनाओं के लाभ नहीं ले पाते हैं, उन्हें वार्षिक छह हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। अब हितग्राही किसान को 10 हजार रुपये की वार्षिक सहायता मिल सकेगी। किसानों के समग्र विकास की दृष्टि से किसान हितैषी योजनाओं को एक पैकेज के रूप में समाहित कर लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सहकारिता विभाग में कम्प्यूटराइजेशन का कार्य व्यापक स्तर पर होगा। साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी समितियों में इस व्यवस्था के लिए राज्य शासन धनराशि उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कृषकों, पशुपालकों, मत्स्य पालकों को ऋण और क्रेडिट कार्ड वितरण के साथ ही सहकारी बैंकों और समितियों के खातों में 800 करोड़ रुपये की राशि जमा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 63 हजार हितग्राहियों को फसल ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) भी प्रदान किए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी सबसे बड़े किसान हितैषी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संसद में पारित किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अनुबंध अध्यादेश 2020, किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 के साथ ही अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम अध्यादेश 2020 को किसानों के व्यापक हित में बताते हुए उनका स्वागत किया और प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुछ लोग भ्रम पैदा कर इन नए प्रावधानों को किसान विरोधी बताने में लगे हैं। नए कानून से न मण्डियाँ बंद होंगी और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई आंच आएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी सदैव किसानों के बड़े हितैषी के रूप में कार्य करते रहे हैं। वे किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव चाहते हैं। ई-ट्रेडिंग और किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने के विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। इन सभी उपायों से किसानों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
पूर्व सरकार ने किसानों और सहकारिता क्षेत्र को पहुँचाया नुकसान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने किसानों से ऋण माफी का वादा करके छल किया और उन्हें वास्तविक लाभ पहुँचाने के स्थान पर बीमा प्रीमियम राशि से लेकर राहत राशि से भी वंचित किया। हमारी सरकार ने पुराने वर्ष का बकाया 2,200 करोड़ का भुगतान किया। इसके फलस्वरूप प्रदेश के साढ़े आठ लाख किसानों को 1,986 करोड़ की राशि दी जा सकी। यही नहीं पूर्व सरकार ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज की नीति की अवहेलना की। किसानों को सोयाबीन की भावांतर राशि करीब 470 करोड़ रुपये का भुगतान भी नहीं किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व सरकार ने सहकारी संस्थाओं को भी क्षति पहुँचाई। सहकारी बैंकों को करीब 1,500 करोड़ रुपये की भरपाई नहीं की गई। किसानों को बड़े-बड़े ख्वाब दिखाए गए। बात शुरू हुई थी 50 हजार करोड़ की जो 6 हजार करोड़ तक सीमित हो गई। योजना में कट ऑफ डेट 31 मार्च 2018 रखी गई, इस कारण 2018 की बाकी नौ माह की अवधि में ऋण लेने वाले किसान लाभ से वंचित हो गए। तीन रंग के आवेदन-पत्र लिए गए और इकट्ठे कार्यालयों में पटक दिए गए। झूठे प्रमाण पत्र बांट दिए गए। हमारी सरकार इन सभी विसंगतियों को दूर करने का कार्य करेगी।
सहकारिता आंदोलन को मरने नहीं देंगे, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में लेंगे सहकारिता क्षेत्र का सहयोग
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल भाव है - सभी सुखी हों। यही भाव सहकारिता का भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। इसके अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण सहकारिता से जुड़े भाई-बहन पूर्ण करेंगे। हमें मध्यप्रदेश की तस्वीर भी बदलनी है और यहाँ की जनता की तकदीर भी बदलनी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को विराट स्वरूप प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सहकारी आंदोलन को मरने नहीं देगी। सरकार के खजाने से आज जो राशि सहकारी संस्थाओं को दी जा रही है, वो कृषकों को अल्पावधि ऋण प्रदान करने में उपयोगी होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों के साथ ही पशु पालक और मत्स्य पालक भी शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त करने के पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था को काफी ध्वस्त भी किया है, लेकिन हम किसान को दिक्कत में नहीं आने देंगे। किसानों के कल्याण के लिए एक साथ बहुत सी योजनाएं लागू की गई हैं। किसान पठानी ब्याज भरने को मजबूर नहीं होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पेक्स) को कृषि अधोसंरचना के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर रीवा, सागर, इंदौर, जबलपुर के दुग्ध संयंत्र और दुग्ध पाउडर निर्माण संयंत्र के लिए पूर्ण सहयोग देने की बात कही। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों से संवाद भी किया।
सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वागत करते हुए कहा कि वर्चुअल आधार पर आयोजित इस कार्यक्रम से 15 लाख 8 हजार लोग जुड़े हैं। यह कार्यक्रम 43 हजार स्थानों पर लाइव प्रसारित हो रहा है। कुल 63 हजार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित कर 335 करोड़ रुपये की साख सीमा स्वीकृत की गई। इसके साथ ही 35 हजार 532 किसानों को 122 करोड़ का ऋण का भी सहकारी समितियों द्वारा दिया गया। किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से किसानों, पशु पालकों, मत्स्य पालकों के जीवन में बदलाव आ रहा है। श्री भदौरिया ने कोरोना काल में सहकारी समितियों द्वारा रबी फसल के उपार्जन की दिशा में किए गए अभूतपूर्व कार्य के लिए सहकारिता विभाग तथा इससे जुड़ी समस्त समितियों और संस्थाओं की सराहना की। उन्होंने सहकारिता प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कम्प्यूटराईज्ड व्यवस्था स्थापित करने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए राज्य सहकारी बैंक की ओर से एक करोड़ रुपये और सहकारिता विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से 13 लाख 53 हजार 651 रुपये की राशि का चेक भेंट किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित भोपाल जिले के पाँच हितग्राहियों को भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हितलाभ प्रदान किए। मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुए इस कार्यक्रम में 'साहूकारी नहीं, सहकारी से नाता जोड़ो' विषय पर फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव सहकारिता उमाकांत उमराव ने किया। वेबकास्ट, फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोग इस कार्यक्रम से जुड़े। दूरदर्शन सहित सभी प्रमुख प्रादेशिक चैनल पर कार्यक्रम प्रसारित किया गया।