फल-सब्जियों के मूल्य संवर्धन और विपणन पर व्यय होंगे 7 हजार 440 करोड़ रुपये: मुख्यमंत्री श्री चौहान

Shivaraj Singh Chouhan Chief Minister of Madhyapradesh addressing Atmanirbhar Krishi Misson in Bhopal on Monday, 21 September 2020
जिलावार 17 फल-सब्जियों तथा 36 तकनीकी गतिविधियाँ चिह्नांकित
भोपाल में अमरूद, इंदौर में आलू, बैतूल में काजू तथा रीवा में हल्दी
किसानों की उपज को उचित दाम दिलवाने और रोजगार बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर कृषि मिशन की बैठक सम्पन्न
भोपाल। फल-सब्जियों के मूल्य संवर्धन और विपणन पर अगले चार वर्षों में 7 हजार 440 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ वल्लभ भवन मंत्रालय में सोमवार, 21 सितम्बर 2020 को आयोजित मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर कृषि मिशन-एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड की बैठक को संबोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, किसान कल्याण राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत 'एक जिला एक उत्पाद' योजना प्रारंभ की गई है। इसमें प्रत्येक जिले के एक उत्पाद को बढ़ावा देकर व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा। जिलों में पैदा होने वाली फल-सब्जी और फसलों की ग्रेडिंग, पैकिंग तथा बेहतर विपणन के लिये अगले चार साल में 7 हजार 440 करोड़ रुपये खर्च करके आवश्यक नेटवर्क विकसित किया जायेगा। हमारा उद्देश्य है कि किसान को उसके उत्पाद का उचित मूल्य मिले। कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन के लिए राज्य सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। जिलावार 17 कृषि उत्पादों और तकनीकी रूप से आवश्यक 36 गतिविधियों का चिह्नांकन कर लिया गया है। प्रत्येक स्तर पर आवश्यक मार्गदर्शन के लिये तकनीकी विशेषज्ञों, कृषि वैज्ञानिकों और वित्तीय तथा व्यापार प्रबंधकों की सेवाएं ली जाएंगी।
अधिकतम दो करोड़ की क्रेडिट गारंटी और ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादों से संबंधित इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तर पर मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर कृषि मिशन कार्यालय की स्थापना की गई है। इसमें कृषि, सहकारिता, मत्स्यपालन उद्यानिकी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को पदस्थ किया जा रहा है। यह मिशन अधिकतम दो करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी देगा, ब्याज में तीन प्रतिशत तक की छूट का भी प्रावधान रहेगा। यह मिशन राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट तथा सिंगल विण्डो फैसेलिटी के रूप में कार्य करेगा। इसके तहत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना, निवेश क्षेत्र व निर्यात क्लस्टर की पहचान, जिला स्तर पर विस्तृत प्रशिक्षण तथा गतिविधियों व सूचनाओं को डिजीटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराना आदि कार्य किए जाएंगे। मिशन द्वारा 15 बैंक से एम.ओ.यू.किया गया है।
'ई-विपणन प्लेटफार्म' से जुड़ेंगे किसान
प्रदेश के 17 जिलों से विभिन्न योजनाओं की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है। पाँच मॉडल डी.पी.आर. भी तैयार हैं। इफ्को द्वारा स्वर्ण आहार इकाई प्रदेश में स्थापित करने के लिए रूचि प्रकट की गई है। मिशन के तहत प्रदेश में 150 किसान काउंटर खोले जाएंगे, इनमें ई-विपणन प्लेटफार्म से किसानों को जोड़ा जाएगा।
पारदर्शिता और पात्र व्यक्तियों का चयन आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि से संबंधित इन गतिविधियों से प्रदेश में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने मिशन से अधिक से अधिक लोगों को जोडऩे के निर्देश दिए। श्री चौहान ने कहा कि इन गतिविधियों में किसान उत्पादक संगठनों के साथ-साथ स्व-सहायता समूहों को भी जोड़ा जाए। अनुदान वितरण में पारदर्शिता और पात्र व्यक्तियों का चयन सुनिश्चित किया जाए।
जिलावार होगी फल-सब्जियों की विपणन
'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' के अंतर्गत आगर-मालवा व राजगढ़ में संतरा, अलीराजपुर में सफेद मूसली, अनूपपुर, बालाघाट, सीधी व उमरिया में आम, अशोकनगर व गुना में धनिया, बड़वानी, दमोह, धार, सागर, सतना, झाबुआ, कटनी, रायसेन तथा शिवपुरी में टमाटर, बैतूल में काजू, भिण्ड, छिंदवाड़ा, देवास, ग्वालियर, मुरैना, उज्जैन और इंदौर में आलू, भोपाल व श्योपुर में अमरूद, बुरहानपुर में केला, छतरपुर, रीवा और शहडोल में हल्दी, जबलपुर में हरी मटर, मंदसौर, रतलाम और दतिया में लहसुन, पन्ना में आँवला, हरदा व खरगौन में मिर्च, होशंगाबाद में नींबू, शाजापुर व खण्डवा में प्याज और टीकमगढ़ तथा निवाड़ी में अदरक की ग्रेडिंग, छटाई तथा आवश्यकतानुसार पकाई, शीत भण्डारण शीत चैन सुविधा विकसित की जाएगी।
कृषि उत्पादों के भण्डारण व विपणन के लिए 36 परियोजनाएं
प्रदेश में आत्मनिर्भर कृषि मिशन के तहत कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन के लिए आधुनिकतम तकनीक पर आधारित 36 परियोजनाओं को जोड़ा गया है। इनमें वेयर हाउस, प्याज भण्डारण सुविधा, होपर बॉटम सायलो, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग, लहसुन, उन्नत बीज, कोदो कुटकी, सफेद मूसली, मूँगफली, टमाटर, धनिया की ग्रेडिंग व पैकेजिंग यूनिट, शीत भण्डारण, संतरा, कद्दू की ग्रेडिंग एवं भण्डारण, आलू शीत भण्डारण, केला पकाई भण्डारण केंद्र, टमाटर एवं लहसुन सॉस उत्पादन इकाई, सीताफल प्रसंस्करण इकाई, सोया उद्योग इकाई, आम आधारित उद्योग, छोटी चावल मिल, कम्बाइन हार्वेस्टर, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, केला टिशू कल्चर, कृषि सेवा केन्द्र/ सामान्य सेवा केंद्र, कृषि व्यवसाय विकास केन्द्र, ई-विपणन प्लेटफार्म, इफको बाजार, अजवाइन इकाई, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, एल.पी.जी. एजेंसी, पेट्रोल पम्प, बायो-डीजल, पशु आहार यूनिट तथा गुड़ की क्यूब उत्पादन इकाई शामिल हैं।