केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए अनेक पहल की हैं: नरेंद्र सिंह तोमर

Narendra Singh Tomar Union Minister for Agriculture and Farmer Welfare Govt of India
रबी विपणन सत्र 2020-21 में रबी फसलों की खरीद पर 1,13,290 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया
नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए अनेक पहल की हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार, 17 सितम्बर 2020 को यहाँ लोक सभा में देश में कृषि सुधार के लिए दो महत्वपूर्ण विधेयकों के विषय में चर्चा के दौरान यह बात कही। लोक सभा से पारित विधेयक हैं- 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020' तथा 'कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020'।
श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों की आय बढ़ाने तथा सदैव उनके सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करने पर जोर देती रही है। केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए अनेक पहल की हैं। कृषि क्षेत्र के बजट आवंटन में काफी वृद्धि की गई है। वर्ष 2018-19 के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन 46,700 करोड़ रुपये था। कृषि क्षेत्र के लिए वर्ष 2019-20 के दौरान 1,30,485.21 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया, जो अपने आप में एक रिकार्ड वृद्धि है। वर्ष 2020-21 के लिए आवंटन और भी वृद्धि के साथ 1,34,399.77 करोड़ रुपये किया गया है।
कृषि क्षेत्र की प्रगति बताते हुए श्री तोमर ने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन संबंधी अंतिम अनुमानों के अनुसार, भारत में वर्ष 2018-19 के दौरान 285.20 मिलियन टन उत्पादन हुआ तथा वर्ष 2019-20 के चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, अनुमानित उत्पादन 296.65 मिलियन टन है। वर्ष 2019-20 के चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, खाद्यान्नों का खरीफ फसलों का बुवाई क्षेत्र 1085.65 लाख हेक्टेयर है एवं रबी फसलों का कुल बुवाई क्षेत्र 646.74 लाख हेक्टेयर है। 11 सितंबर 2020 तक खरीफ फसलों की बुवाई 1104.54 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि गत वर्ष इस अवधि तक बुवाई क्षेत्र 1045.18 लाख हेक्टेयर था। इस तरह वर्तमान में, बुवाई क्षेत्र में 59.36 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने पर जोर देने व व्यवस्थित समन्वय के फलस्वरूप पिछले वर्ष की ग्रीष्मकालीन/ जायद सत्र के 41.31 लाख हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र की तुलना में इस वर्ष बुवाई क्षेत्र बढ़कर 57.07 लाख हेक्टेयर हो गया।