केन्द्र सरकार चाहती है कि किसान उन्नत हों, ताकतवार हों: केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर

Narendra Singh Tomar Union Minister for Agriculture and Farmer Welfare Govt. of India
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि किसान उन्नत हों, ताकतवर हों, किसानों को तकनीकी समर्थन मिल सके। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार, 17 सितम्बर 2020 को यहाँ लोक सभा में कृषि सुधार विधेयकों पर चर्चा में यह बात कही।
श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दोनों विधेयक किसान के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले विधेयक हैं। आज तक कभी भी वर्ष भर में 75 हजार करोड़ रुपये सरकार ने निकलकर किसान की जेब तक नहीं पहुंचते थे, लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के द्वारा प्रारंभ से अभी तक 92 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से पहुँचे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि किसान उन्नत हों, ताकतवर हों, किसानों को तकनीकी समर्थन मिल सके। इस दृष्टि से केन्द्र सरकार ने 10 हजार नये एफपीओ बनाने की घोषणा की है। घोषणा के क्रियान्वयन पर काम शुरू हो चुका है। केन्द्र सरकार 6,850 करोड़ रुपये एफपीओ के गठन और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में खर्च करेगी।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि पहले किसानों को 8 लाख करोड़ रुपये का ऋण मिलता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तय किया कि किसानों को और अधिक वित्तीय सुविधा दी जाये, वर्तमान में 15 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता किसानों को दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रुपये, मत्स्यपालन क्षेत्र के लिये 20 हजार करोड़ रुपये, पशुपालन क्षेत्र के विकास हेतु 15 हजार करोड़ रुपये, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये 10 हजार करोड़ रुपये, औषधीय पौधों की खेती के लिये 4 हजार करोड़ रुपये और मधुमक्खीपालन के लिये 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।
श्री तोमर ने कहा कि 8 जुलाई 2020 को कृषि अवसंरचना निधि को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने अनुमति प्रदान की थी, उसके एक माह के भीतर 9 अगस्त 2020 को 1,128 करोड़ रुपये प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को दिये गये, आज तक कुल 1,500 करोड़ रुपये पैक्स को दिये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार चाहती है कि खेती की बुवाई का रकबा बढ़े, जैविक खेती का रकबा बढ़े, उत्पादन बढ़े, उत्पादकता बढ़े, उपज बढ़े।
कृषि सुधारों को लेकर लोक सभा में पारित हुए दो विधेयक के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में किये गये इन सुधारों पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। अप्रैल 2005 में नयी दिल्ली में आयोजित कृषि समिट में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि सभी वस्तु एवं सेवाओं के लिए स्थानीय बाजार को एकीकृत किये जाने हेतु उनकी सरकार (यूपीए) प्रतिबद्ध है। समय आ गया है कि कृषि उत्पादों के लिए हमको एक पूरे देश को एक बाजार बनाना है। एक राष्ट्र और एक बाजार की बात जो मनमोहन सिंह ने कही थी वह इस विधेयक में है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 किसान को बांधने वाला नहीं है यह किसान को स्वतंत्रता देने वाला विधेयक है। उन्होंने कहा कि एक मंडी में अधिकतम 50 व्यापारी किसानों की उपज पर बोली लगाते थे, नयी व्यवस्था से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी किसान को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा। प्रतिस्पर्धा का लाभ किसान को मिलेगा। यह कहना गलत है कि किसी व्यापारी या मजदूर को नुकसान हो जायेगा। एक व्यापारी एक मंडी का लायसेंसधारी है। लायसेंस राज समाप्त, इन्स्पेक्टर राज समाप्त होगा, भ्रष्टाचार समाप्त होगा, किसान और व्यापारी पूरे देश में माल भेजने के लिए स्वतंत्र होंगे।