टिड्डियों से इस साल बड़ा है खतरा, रहना होगा सचेत

Locusts Tiddi attack
2,45,780 हेक्टेयर क्षेत्र में केंद्र व राज्य सरकारों ने मिलकर किया नियंत्रण
ऊँचे पेड़़ों और दुर्गम क्षेत्रों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 12 ड्रोन के साथ पाँच कंपनियों को तैनात किया
हेलीकॉप्टर से भी किया गया छिड़काव
अभियान में केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे
टिड्डी नियंत्रण अभियान से बच गई किसानों की फसलें, नहीं हुआ खास नुकसान
नयी दिल्ली। रेगिस्तान से आने वाले टिड्डी दलों से इस साल बड़ा खतरा है। वर्ष 2019 में भी टिड्डियों ने राजस्थान में फसलों को नुकसान पहुँचाया था, लेकिन इस वर्ष टिड्डियों से बड़ा खतरा महसूस किया जा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में कहा कि 26 साल के लंबे अंतराल के बाद, बीते साल टिड्डी दल का हमला हुआ था। लेकिन इस बार टिड्डी दलों ने राजस्थान की सीमाएं लांघते हुए पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में काफी अंदर तक प्रवेश करते हुए फसलों पर हमला किया।
इसलिए इस वर्ष टिड्डी नियंत्रण के लिए हवाई नियंत्रण क्षमताओं की जरूरत महसूस होने के बाद ही टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की तैनाती की गई है। मंत्रिमण्डल सचिव ने 27 मई, 2020 को टिड्डी दल की स्थिति की समीक्षा करने के बाद नागर विमानन मंत्रालय को ड्रोन, विमान/ हेलीकॉप्टर के माध्यम से कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लिए वस्तु एवं सेवाओं की खरीद को आसान बनाने में कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग को सहयोग करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कीटनाशकों के हवाई छिड़काव से संबंधित वस्तु एवं सेवाओं की खरीद सुनिश्चित करने के लिए अपर सचिव, कृषि की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयीन अधिकार प्राप्त समिति की स्थापना की गई थी। इस समिति में नागर विमानन मंत्रालय, पवन हंस, डीजीसीए, एयर इंडिया और कृषि मंत्रालय के अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं।
अधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसा पर कृषि मंत्रालय ने ऊँचे पेड़़ों और दुर्गम क्षेत्रों में बैठे टिड्डी दलों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से ड्रोन सेवाएं उपलब्ध कराने वाली पाँच कंपनियों को जोड़ा है, जिसमें प्रति कंपनी 5 ड्रोन उपलब्ध कराएगी। अभी तक टिड्डी नियंत्रण के लिए जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर व नागौर में 12 ड्रोन तैनात किए गए हैं। इस प्रकार भारत प्रोटोकॉल्स को अंतिम रूप देकर टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। ड्रोन का उपयोग लंबे पेड़़ों व दुर्गम क्षेत्रों के लिए खासा प्रभावी है। एक ड्रोन एक घंटे में 16-17 हेक्टेयर और 4 घंटे में 70 हेक्टेयर क्षेत्र कवर कर सकता है। नागर विमानन मंत्रालय ने टिड्डी रोधी अभियान में ड्रोन के लिए सशर्त छूट से संबंधित नियमों एवं शर्तों को लचीला किया गया था और टिड्डी रोधी परिचालनों के लिए 50 किलोग्राम तक के इंजन चालित ड्रोन के उपयोग तथा रात के समय में ड्रोन के उपयोग को अनुमति दी गई थी।
वर्तमान में वाहनों पर लगे छिड़काव उपकरणों के साथ 60 नियंत्रण दलों के माध्यम से टिड्डी नियंत्रण की रणनीति है और 200 से अधिक केन्द्रीय कर्मचारी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में ऐसे परिचालनों में लगे हुए हैं। भारत सरकार का टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) और 10 टिड्डी मंडलीय कार्यालय राजस्थान (जैसलमेर, बीकानेर, फलोदी, बाड़मेर, जालौर, चुरु, नागौर, सूरतगढ़) और गुजरात (पालनपुर और भुज) में स्थित हैं, जो प्रमुख रूप से राजस्थान और गुजरात के दो लाख वर्ग किलोमीटर अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में प्रमुख रूप से रेगिस्तानी टिड्डी की निगरानी, सर्वेक्षण और नियंत्रण करते हैं। अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्रों के अलावा टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए राजस्थान में जयपुर व अजमेर में, मध्य प्रदेश में शिवपुरी, पंजाब में फजिल्का और उत्तर प्रदेश के झांसी में अस्थायी नियंत्रण शिविर स्थापित किए गए हैं।
टिड्डी सर्कल कार्यालयों ने 11 अप्रैल से 2 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों के 1,32,777 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया गया। 2-3 जुलाई, 2020 की रात में राजस्थान के 7 जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सीकर, जयपुर और अलवर के 19 स्थानों पर तथा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के 2 स्थानों पर नियंत्रण अभियान का संचालन किया गया।
राज्य सरकारें भी इस क्रम में टिड्डी नियंत्रण अभियान चला रही हैं। राज्य सरकारें ट्रैक्टर पर लगे स्प्रेयर और फायर टेंडर वाहनों की तैनाती से नियंत्रण का काम करती हैं। राज्य सरकारों के द्वारा 2 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार में 1,13,003 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया गया। राजस्थान के राज्य कृषि विभाग ने 2-3 जुलाई, 2020 की रात को करौली, सवाई माधोपुर, पाली और ढोलपुर जिलों के 4 स्थानों पर टिड्डियों के छोटे समूहों और छितरी हुई आबादी पर नियंत्रण कार्रवाई की।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा राज्यों में इससे कोई खास नुकसान दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि राजस्थान के कुछ जिलों में फसलों को मामूली नुकसान सामने आया है।


Locust Tiddi attack
एफ.ए.ओ. ने दी चेतावनी
पाकिस्तान के सिंध में टिड्डियों का प्रजनन शुरू
खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.) द्वारा 27 जून 2020 को दी गई सूचना के अनुसार, उत्तरी सोमालिया में जमा झुंडों के भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों के लिए हिंद महासागर का रुख करने का अनुमान है। पाकिस्तान में भारतीय सीमा से सटे सिंध क्षेत्र में ये झुंड अण्डे देने की शुरुआत कर चुके हैं, और वर्तमान में झुंड सिंधु घाटी में मौजूद हैं। वहीं खैबर पख्तूनवा में कुछ फुदकने वाले झुंड तैयार हो रहे हैं। भारत में, कुछ अपरिपक्व वयस्कों के छोटे समूह उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों का रुख कर चुके हैं और उनके अधिक नुकसान पहुँचाए बिना आगे बढऩे का अनुमान है।
एफएओ द्वारा दक्षिण पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) के तकनीक अधिकारियों की आभासी बैठकें साप्ताहिक आधार आयोजित की जा रही हैं। दक्षिण पश्चिमी एशियाई देशों के तकनीक अधिकारियों की अभी तक 15 आभासी बैठक हो चुकी हैं। क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण से संबंधित तकनीक जानकारियाँ साझा की जा रही हैं।




झोंके संसाधन
वर्तमान में स्प्रे वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में तैनात कर दिए गए हैं। टिड्डी नियंत्रण अभियान में केन्द्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।
राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी में ऊँचे पेड़़ों और दुर्गम क्षेत्रों में कीटनाशकों के छिड़काव से टिड्डी दल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 12 ड्रोन के साथ पाँच कंपनियों को तैनात कर दिया गया है।
भारत में टिड्डी नियंत्रण क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए, जनवरी, 2020 में माइक्रोन, यूके से 10 जमीनी छिड़काव उपकरणों और जून, 2020 में 15 उपकरणों का आयात किया गया था। जुलाई, 2020 में 45 अतिरिक्त जमीनी छिड़काव उपकरण पहुँच जाएंगे और टिड्डी मंडल कार्यालयों के पास जुलाई तक 100 से अधिक जमीनी नियंत्रण उपकरण होंगे।
नियंत्रण क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए 55 अतिरिक्त वाहनों की खरीद की गई है।
3 लाख लीटर मैलाथियॉन 96 प्रतिशत यूएलवी की खरीद के लिए स्वीकृति दे दी गई है। कीटनाशकों का पर्याप्त भण्डार तैयार है।
भारत सरकार ने एम/एस माइक्रोन, यूके को मार्च, 2020 में 5 हवाई छिड़काव किट की आपूर्ति के लिए एक आदेश भी जारी कर दिया है। पहली 2 किट सितंबर, 2020 में मिलनी हैं और बाकी 3 किट पहली किट की सफलता से स्थापना के एक महीने बाद मिलेंगी। इन किट्स को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों पर लगाया जाएगा, जिसके लिए भारतीय वायु सेना की सहमति मिल चुकी है।
कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन के तहत राजस्थान राज्य सरकार के लिए 800 ट्रैक्टर स्थापित स्प्रे यंत्रों की खरीद के लिए 2.86 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की गई।
आरकेवीवाई के अंतर्गत वाहनों, ट्रैक्टरों की तैनाती और कीटनाशकों की खरीद के लिए राजस्तान सरकार के लिए 14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत कर दी गई है।
वाहनों, छिड़काव उपकरणों, सुरक्षा यूनिफॉर्म, एंड्रॉयड एप्लीकेशन, टिड्डी से संबंधित प्रशिक्षण की खरीद को गुजरात के लिए 1.80 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत कर दी गई है।



11 अप्रैल, 2020 से 28 जून, 2020 तक राज्यों में कुल नियंत्रित क्षेत्र
राज्य का नाम      जिलों        कुल क्षेत्र
                       में संख्या  (हेक्टेयर में)
राजस्थान            31         2,13,173 
पंजाब                01                 640
गुजरात              05               1,070
मध्य प्रदेश          40             15,533
महाराष्ट्र              04               1,435
उत्तर प्रदेश         13               1,398
छत्तीसगढ़           01                    82
बिहार                04                    41
हरियाणा             02                  115
कुल                 101         2,33,487


 


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