आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए संशोधन का किसानों को मिलेगा लाभ: नरेन्द्र सिंह तोमर

Union Minister of Agriculture, Farmers Welfare, Rural Development and Panchayati Raj briefing cabinet decesion on 3rd June 2020
अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा
नयी दिल्ली। आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए संशोधन का किसानों को लाभ मिलेगा। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार, 3 जून 2020 को यहाँ यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार, 3 जून 2020 को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए गए जो देश के किसानों की मदद करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने में भी काफी मददगार साबित होंगे।
श्री तोमर ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन को अनुमति दी। यह कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।
उन्होंने कहा कि वैसे तो भारत में अधिकतर कृषि जिंसों या वस्तुओं के उत्पादन में अधिशेष (सरप्लस) की स्थिति है, लेकिन इसके बावजूद शीत भण्डारण, प्रसंस्करण और निर्यात में निवेश के अभाव में किसान अपनी उपज के उचित मूल्य पाने में असमर्थ रहे हैं, क्योंकि आवश्यक वस्तु अधिनियम की लटकती तलवार के कारण उनकी उद्यमशीलता हतोत्साहित हो जाती है। ऐसे में जब भी शीघ्र नष्ट हो जाने वाली कृषि उपज की बंपर उपज होती है, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यदि पर्याप्त प्रसंस्करण सुविधाएं उपलब्ध हों तो बड़े पैमाने पर इस तरह की बर्बादी को रोका जा सकता है।
आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा। इस व्यवस्था से निजी निवेशक अत्यधिक नियामकीय हस्तक्षेप के भय से मुक्त हो जाएंगे। संशोधन के बाद इस प्रकार की सभी वस्तुओं का उत्पादन, भण्डारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव हो जाएगा और इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में निजी/ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। इससे शीत भण्डारण में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति शृंखला के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना
श्री तोमर ने बताया कि सरकार ने नियामकीय व्यवस्था को उदार बनाने के साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की है। संशोधन के तहत यह व्यवस्था की गई है कि अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, मूल्य शृंखला के किसी भी प्रतिभागी की स्थापित क्षमता और किसी भी निर्यातक की निर्यात माँग इस तरह की स्टॉक सीमा लगाए जाने से मुक्त रहेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्र में निवेश हतोत्साहित न हो।
घोषित संशोधन मूल्यों में लाने के साथ-साथ किसानों और उपभोक्ताओं दोनों ही के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही भण्डारण सुविधाओं के अभाव के कारण होने वाली कृषि उपज की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा।