टिड्डियों से यूँ करें फसलों का बचाव

Locust Tiddi
आगर। एक बार फिर पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने भारतीय किसानों के खेतों पर हमला बोल दिया है। टिड्डी दल ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हमला बोलने के साथ-साथ इस बार मध्यप्रदेश में भी किसानों की फसल पर आक्रमण किया है।
मध्यप्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्र आगर मालवा के प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.पी.एस. शक्तावत ने सोमवार, 18 मई 2020 को कहा कि मंदसौर जिले से प्राप्त समाचारों के अनुसार राजस्थान से सटे मनासा और भानपुरा क्षेत्र तक टिड्डी दल पहुँच चुका है। टिड्डी दल से किसानों की फसलों का अत्यधिक नुकसान होता है क्योंकि टिड्डियाँ समूह में फसलों और समस्त वनस्पतियों को खा कर चट कर देती हैं।
डॉ. शक्तावत ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र आगर मालवा के वैज्ञानिक इससे बचाव हेतु किसानों भाइयों को सलाह दी है कि खेतों में ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजी आदि के माध्यम से आवाज कर टिड्डियों को खेतों में फसलों पर बैठने नहीं दें। प्रकाश प्रपंच लगाकर टिड्डियों के एकत्रित करें। इसके अलावा खेतों में कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर टिड्डियों तथा उसके अण्डों को नष्ट कर सकते हैं।
टिड्डी कीट नियंत्रण हेतु रासायनिक कीटनाशकों बेन्डियोकार्ब 80 प्रतिशत डब्ल्यू.पी. की 125 ग्राम मात्रा या क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. की 1,200 मि.ली. मात्रा या क्लोरपाइरीफास 50 प्रतिशत ई.सी. की 480 मि.ली. मात्रा या डेल्टामेथरिन 28 प्रतिशत ई.सी. की 625 मि.ली. मात्रा या डेल्टामेथरिन 1.25 प्रतिशत यूएलव्ही की 1,400 मि.ली. मात्रा या डाईफ्लूबेनज्यूरॉन 25 प्रतिशत डब्ल्यू.पी. की 120 ग्राम मात्रा या लेम्डासाईहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. की 400 मि.ली. मात्रा या लेम्डासाईहेलोथ्रिन 10 प्रतिशत डब्ल्यू.पी. की 200 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर उपयोग की जा सकती है।
अकृषि क्षेत्र में टिड्डी कीट नियंत्रण हेतु उपरोक्त अधिसूचित कीटनाशी रसायनों के अलावा फेनवेलेरेट 0.4 प्रतिशत डी.पी. 25 किलोग्राम मात्रा या  क्विनालफॉस 1.5 प्रतिशत डी.पी. 25 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर उपयोग की जा सकती है।
डॉ. शक्तावत ने बताया कि इस समय संतरे की नई कोंपले सिट्रस सिल्ला नामक रस चूसने वाले कीट के द्वारा खाकर के नुकसान पहुँचाया जा रहा है। इसमें नई पत्तियाँ मुड़ी हुई रहती हैं, साथ ही अत्यधिक मात्रा में फूल गिर रहे हैं। इसके नियंत्रण के लिए 500 लीटर पानी में इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. की 50 मि.ली. मात्रा या थाईमिथोक्जाम 25 प्रतिशत डब्ल्यू.पी. की 100 ग्राम मात्रा के साथ 200 ग्राम मात्रा चिपको की मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।