प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2020 से ऐच्छिक रहेगी: केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर

 


Narendra Singh Tomar Agriculture, Rural Development and Panchayati Raj Cabinet Minister of India
बीमा घाटे का सौदा नहीं, विगत दो वर्षों में किसानों के जमा 9,000 करोड़ की तुलना में केन्द्र सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये दिए
भोपाल, बुधवार, 6 मई 2020। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2020 से ऐच्छिक रहेगी। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस आशय के विचार आज नयी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों से चर्चा में व्यक्त किए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सिंह रावत सहित प्रदेश के पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्ष उपस्थित रहे।
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के प्रदेश कार्यालय मंत्री पदम सिंह ठाकुर के प्रश्न के उत्तर में श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2020 से ऐच्छिक रहेगी। किसान चाहें तो बीमा में शामिल हों और यदि नहीं चाहें तो शामिल नहीं हों। घोषणा का परिपालन कर दिया गया है। राज्यों और बीमा कंपनियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में किसानों द्वारा 9,000 करोड़ रुपये की बीमा प्रीमियम राशि जमा करवाई गई थी जिसकी तुलना में बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को 50,000 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी गई है। इसलिए फसल बीमा को घाटे का सौदा नहीं कह सकते।
उन्होंने कहा कि ईश्वर ना करे कि किसानों को किसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़े। परंतु मेरी राय में फसल बीमा कराना चाहिए। किसानों को केवल 2 प्रतिशत ही प्रीमियम राशि देनी पड़ती है जबकि प्राकृतिक आपदा के समय बढ़कर ही लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा नुकसान का सौदा नहीं है। वास्तव में किसानों को बीमा के मॉडल को समझकर व्यवहार करना चाहिए।
कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि यदि किसान जागरूक रहते हैं तो कोई भी बीमा कंपनी किसानों को भ्रमित नहीं कर सकती। प्राकृतिक आपदा के समय राज्य सरकार का यह दायित्व बनता है कि उसका राजस्व विभाग तत्काल सर्वे करे, मेमोरेन्डम बनाएं और उसे बीमा कंपनी को सौंपे। बीमा कंपनी भी अपनी ओर से आँकड़े एकत्रित करती है। राज्य सरकार और बीमा कंपनी के आँकड़ें मिल जाने पर किसानों को क्षतिपूर्ति देना आसान हो जाता है। जितना नुकसान होता है, उतना लाभ मिल जाता है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में विगत दो वर्षों से किसानों को फसल बीमा राशि का रुपया नहीं मिला क्योंकि पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार ने राज्य की ओर से बीमे की प्रीमियम राशि जमा नहीं कही। जैसे ही भारतीय जनता पार्टी जो गाँव, गरीब और किसानों की पार्टी है सत्ता में आयी तो तुरंत ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 की फसल बीमा राशि का प्रीमियम 2,200 करोड़ रुपये जमा करवाया जिसके बाद 15 लाख किसानों के बैंक खातों में फसल बीमा दावा राशि के 2,981.24 करोड़ रुपये ऑनलाइन हस्तान्तरित किए गए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों के खाते में फसल बीमा की अभी भी 5,000 करोड़ से अधिक की राशि आनी बाकी है। जैसे-जैसे राज्य सरकार राज्यांश जमा करायेगी किसानों को फसल बीमा की राशि मिलती जाएगी।