मध्यप्रदेश में टिड्डी दल का आक्रमण

कृषि विभाग ने जारी किया परामर्श
सीमावर्ती ग्रामों में ट्रैक्टर चलित स्प्रे पंप पानी तैयार रखें
ढोल, डीजे व थाली बजाएं
मंदसौर, मंगलवार, 19 मई 2020। जिले में राजस्थान की ओर से टिड्डी दल प्रवेश कर भानपुरा व गरोठ क्षेत्र में आ चुका है। भानपुरा के गाँव सुजानपुरा, कुंतलखेड़ी, बाबुल्दा, दूधाखेड़ी एवं गरोठ के गाँव खड़ावदा, देथली बुजुर्ग, दुथलई, रामगढ़ में प्रवेश किया है, जो कि राजस्थान सीमा का मध्यवर्ती क्षेत्र है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग डॉ. अजीतसिंह राठौर ने बताया कि टिड्डी दल की उपस्थिति सोमवार को सुबह से पाई गई है। वर्तमान में कोई भी कृषि फसल प्रभावित नहीं होने के कारण अधिक प्रकोप की कोई आशंका नहीं हैं। उद्यानिकी फसलों में मुख्य रूप से संतरा जो कि उपरोक्त एरिया में बहुतायत में पाया जाता है, जिसको नुकसान की किसी भी क्षेत्र से हानि की खबर नहीं है तथा टिड्डियों के झुंड की दिशा राजस्थान के झालावाड़ जिले की तरफ दोपहर 3 बजे पाया गया है। टिड्डी के बचाव से किसानों को जागरूकता के लिए 76 हजार से अधिक किसानों को किसान पोर्टल के माध्यम से नियंत्रण करने के तरीके बताए गए। साथ ही साथ वाट्सएप ग्रुप एवं अधिकारियों द्वारा किसानों को जिला अनुसार व्यवस्था किया जाना आवश्यक होगा।
'जहाँ भी खेतों में टिड्डियां बैठी मिलें, उस खेत की तुरंत पलटाई कर दें ताकि अण्डाणु नष्ट होंÓ
कलेक्टर मनोज पुष्प के निर्देश पर कृषि, उद्यानिकी विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के दल को भानपुरा क्षेत्र में रवाना किया गया। इनके प्रकोप से कैसे किसान अपने खेतों व सब्जियों की रक्षा कर सकें। किस तरह से टिड्डियों को नष्ट किया जा सकते हैं। इस संबंध में दल को भानपुरा क्षेत्र में रवाना किया। किसानों को सलाह दी कि टिड्डियों से कैसे इस क्षेत्र को मुक्त किया जा सके। इसके लिए खेत पलटाई का काम प्रमुख है, जहाँ भी खेतों में टिड्डियां बैठी हुई मिले। उस खेत की तुरंत पलटाई कर दें। इससे उस खेत में दिए हुए टिड्डियों के अण्डाणु नष्ट हो जाएं। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से डेढ़ लाख किसानों को भी मैसेज पहुँचाया गया है। इससे किसान टिड्डियों के प्रकोप के बारे में पहले से ही तैयार हो सके।