श्रीगंगानगर, शुक्रवार, 8 मई 2020। कोरोना संकट के बीच राजस्थान में एक और मुसीबत आ गई है। भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे राजस्थान में एक बार फिर से टिड्डी दल के हमले की शुरुआत हो चुकी है। पिछले दिनों से चल रही तेज हवाओं और आंधी के कारण टिड्डियाँ पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में रही हैं।
राजस्थान में अभी जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और जोधपुर जिले में टिड्डियों का प्रकोप है। इसके साथ ही पंजाब के फाजिल्का जिले के साथ लगी सीमा के गाँवों में भी टिड्डियाँ आ चुकी हैं। वर्ष 2019 में टिड्डी नियंत्रण संगठन को 4 लाख 3 हजार 488 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव करना पड़ा था।
दावा किया जा रहा है कि इस बार खतरा पिछली बार से कहीं अधिक बड़ा है। टिड्डी नियंत्रण संगठन के अधिकारियों के अनुसार इस बार प्रकोप पिछली बार से दो से तीन गुना अधिक हो सकता है। टिड्डियाँ एक साल में तीन बार प्रजनन करती हैं। अरब देशों में इनका वसंतकालीन प्रजनन का समय पूरा हो रहा है और अब ये ग्रीष्मकालीन प्रजनन के लिए भारत-पाकिस्तान जैसे देशों का रुख कर रही हैं। मानसूनी हवाओं के चलते भी इनका भारत की ओर आने का खतरा अधिक है।
टिड्डी नियंत्रण संगठन के उप संचालक डॉ. के.एल. गुर्जर ने बताया कि इस टिड्डी का आक्रमण मई माह के अंत में होने का अनुमान था, लेकिन टिड्डियों ने 11 अप्रैल को ही सीमा पार से राजस्थान में घुसपैठ कर दी। वर्ष 2019 में 22 मई से टिड्डी का प्रकोप शुरू हुआ था, जो 17 फरवरी 2020 तक चला था। इस तरह दो महीने से भी कम अंतराल में फिर से टिड्डी का प्रकोप शुरू हो गया जिसने कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
कोरोना संकट के बीच राजस्थान पर फिर से पाकिस्तान की ओर से आ रहे टिड्डी दल का हमला