गाँव, गरीब और किसान केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में: नरेन्द्र सिंह तोमर

Agriculture Minister Government of India Narendra Singh Tomar
लॉकडाउन के दौरान किसानों को कई छूट दी गईं
रबी फसलों की कटाई का करीब 95 प्रतिशत काम पूरा
रबी फसलों की खरीदी तेजी से जारी
केन्द्र सरकार ने दलहन-तिलहन के 2,790 खरीद केन्द्र बनाए
गत वर्ष 1,485 खरीद केन्द्र थे
ग्रीष्मकालीन फसलों का क्षेत्रफल 57.07 लाख हेक्टेयर पहुँचा
आगामी खरीफ मौसम के लिए पर्याप्त मात्रा में बीज, उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध
भोपाल, बुधवार, 6 मई 2020। गाँव, गरीब और किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार के लिए सदैव प्राथमिकता में रहा है। लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही सर्वाधिक छूट किसानों को दी गई ताकि रबी की कटाई और रबी फसलों की खरीद का कार्य बाधित नहीं हो। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस आशय के विचार व्यक्त किए।
आज नयी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों से विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उनकी समस्याएँ सुनी जिनके समाधान का आश्वासन दिया। चर्चा में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सिंह रावत, प्रदेश महामंत्री विनोद सिंह जादौन, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम पटेल व वीरेन्द्र सिंह राणा, प्रदेश मंत्री निरंजन बिसेन, कृष्णा यादव, देवेन्द्र सिंह नरवरिया व अवनिन्द्र पटैरिया, प्रदेश कार्यालय मंत्री पदम सिंह ठाकुर, प्रदेश मीडिया प्रभारी संदीप श्रीवास्तव, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी मुकेश तिवारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही कई जिलों के जिलाध्यक्ष ने केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर से सीधे चर्चा भी की।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि लॉकडाउन के प्रथम दिशानिर्देश में ही राशन की दुकानों, फल, सब्जी, दूध, माँस, मछली, पशु चारा और खाद्य पदार्थों के परिवहन सहित शीत गृह और भण्डार गृह की सेवाओं को छूट दी गई।
उसके अगले ही दिन 25 मार्च 2020 को पशु चिकित्सालयों, बीज व खाद की दुकानों को खुला रखने की छूट प्रदान की। साथ ही समस्त आवश्यक वस्तुओं की उत्पादन इकाईयों और उनके लिए पैकेजिंग तैयारी करने वाली कंपनियों को भी उत्पादन करने की छूट दी।
श्री तोमर ने बताया कि रबी फसलों की कटाई और फसल खरीदी को देखते हुए 27 मार्च 2020 को मण्डियों तथा कृषि उपज खरीदी करने वाली केन्द्र व राज्य की सभी एजेंसिंयों और राज्यों द्वारा खरीदी के लिए अनुमति दी गई समितियों के लिए प्रतिबंध के नियमों में शिथिलता प्रदान की गई। उर्वरकों की दुकानों, किसानों और कृषि कार्य करने वाले श्रमिकों, कस्टम हायरिंग सेंटर्स को छूट दी। साथ ही उर्वरक, कीटनाशक और बीज की निमार्ण और पैकेजिंग इकाईयों का नियमों में शिथिलता दी। कंबाईन हावेस्टर सहित अन्य कृषि एवं बागवानी के यंत्रों को राज्यों के भीतर और बाहर परिवहन की अनुमति दी।
29 मार्च 2020 को दूध एकत्रित और वितरित करने की पूरी आपूर्ति शृंखला में पैकेजिंग मटेरियल को भी शामिल करते हुए लॉकडाउन में शिथिलता प्रदान की गई।
इस प्रकार 25 मार्च से 29 मार्च तक मात्र 5 दिनों में ही किसानों, दूध उत्पादकों, डेयरी उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, बीज-खाद-कीटनाशक उद्योग को लॉकडाउन में छूट दी।
कृषि मंत्री श्री तोमर ने आगे कहा कि 3 अप्रैल को कृषि उपकरणों की दुकानों, उनके लिए लगने वाले स्पेयर पाटर््स और यहाँ तक कि चाय उद्योग  तथा चाय बागानों में श्रमिकों की अधिकतम 50 प्रतिशत की संख्या से काम करने की अनुमति प्रदान की।
किसानों को मिली छूटों का सुखद परिणाम यह रहा कि पूरे देश में रबी फसलों की कटाई 95 प्रतिशत तक बिना किसी व्यवधान के पूरी हो चुकी है।  रबी फसलों की खरीदी प्रारंभ हो चुकी है। रबी फसल विपणन वर्ष 2020 के दलहन-तिलहन से संबंधित खरीद केंद्रों की संख्या 2,790 है जो गत वर्ष के 1,485 खरीद केन्द्रों की तुलना में दोगुनी है। जैसे-जैसे खरीद बढ़ेगी, आवश्यकतानुसार और अधिक केंद्र खोले जाएंगे। केन्द्र सरकार ने 54.46 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद के लिए 25,637 करोड़ रुपये की कीमत वाली स्वीकृति जारी कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि तीसरी फसल के रूप में ग्रीष्मकालीन फसलों का क्षेत्रफल गत वर्ष के 41.31 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष 57.07 लाख हेक्टेयर पहुँच गया है। इस प्रकार इसमें  38.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के लिए किसान बधाई के पात्र हैं।
श्री तोमर ने कहा कि खरीफ फसलों की बुवाई ठीक प्रकार से हो इसके लिए 16 अप्रैल 2020 को खरीफ सम्मेलन में सारी व्यवस्थाओं पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने आश्वस्त किया कि देश में खरीफ फसलों की बुवाई के लिए पर्याप्त मात्रा में बीज, उर्वरक और कीटनाशक की उपलब्धता है। किसानों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।