खरगोन जिले के बोरावां में किसान-छात्र महासमागम में श्रीश्री रविशंकर ने खेती, आध्यात्म और तकनीकी शिक्षा पर दिया व्याख्यान
खरगोन। युवा कृषक नैसर्गिक खेती को व्यापारिक दृष्टिकोण से अपनाएं। अभी नैसर्गिक खेती प्रारंभ करने के लिये उपयुक्त समय है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने सोमवार, 4 नवम्बर 2019 को खरगोन जिले के बोरावां में आयोजित विशाल किसान-छात्र महासमागम में इस आशय के विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में जिले के प्रभारी लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री सचिन यादव तथा पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री अरुण यादव सहित युवा किसान व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि किसान ही जीवनाड़ी है। हमारे देश की परंपरा में लिखा है कि अन्नदाता सुखी भव:। किसान नैसर्गिक खेती को अब प्रारंभ कर दें। यह सबसे उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा है कि नैसर्गिक खेती में लाभ नहीं है। युवा कृषक नैसर्गिक खेती को अपना व्यापार बनाकर आत्मनिर्भर बनें।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि माँ नर्मदा के इस क्षेत्र की कृषि भूमि बड़ी उपजाऊ है। यहाँ के किसान मेहनतकश हैं। इस क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे नर्मदेश्वर शिवलिंग घड़े जाते हैं, जो समूचे देश के तीर्थ स्थलों में स्थापित हैं। यहाँ के आदिवासी किसान भी आधुनिक और उत्तम खेती करते है।
मंच पर कृषि, स्वास्थ्य और सड़क मंत्री को एक साथ बैठे देख उन्होंने कहा कि इन तीनों से किसानों की समृद्धि निश्चित है। खेती, स्वास्थ्य और अच्छी सड़कों के निर्माण से प्रदेश उन्नति कर रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया है। वर्तमान सरकार किसानों की मेहनत को पहचान रही है।
प्रदेश के किसानों के लिए मुख्यमंत्री ने माँगा आशीर्वाद
इस महा समागम में जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का संदेश पढ़ा। मुख्यमंत्री श्री नाथ ने अपने संदेश में खरगोन की इस धरा पर श्रीश्री रविशंकर को नमन भेजते हुए आशीर्वाद माँगा कि हमारे किसानों के चेहरों पर मुस्कुराहट खिले और उनके जीवन में सुख और समृद्धि आएं। प्रभारी मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि अध्यात्म का पर्यायवाची है, तो वह श्रीश्री रविशंकर है। विश्व में अध्यात्म व देश का नाम रोशन करने में श्रीश्री रविशंकर सबसे पहले जाने जाते है।
प्रदेश के विकास और प्रगति का सूचक है किसान: तुलसी सिलावट
प्रदेश के परिवार कल्याण व स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि किसान प्रदेश के विकास और प्रगति का सूचक है। यह कार्यक्रम किसानों में जैविकता के नए रूप को सामने लाने के लिए आयोजित किया गया है। देश में सबसे अधिक अन्न प्रदान करने में हमारे प्रदेश का भी नाम आता है। सरकार शिक्षा के विकास और नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कृत संकल्पित है।
किसान और युवा वर्तमान सरकार के केन्द्र बिंदु: सचिन यादव
कृषि, उद्यानिकी व खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सचिन यादव ने कहा कि किसान और युवा वर्तमान सरकार के केन्द्र बिंदु हैं। खेती से पलायन कर चुके युवा किसानों को नैसर्गिक खेती से जोड़कर उन्हें उद्यमी बनाने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
पूर्व केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री अरुण यादव ने अपने स्वागत संबोधन में निमाड़ की इस धरा पर श्रीश्री रविशंकर और किसानों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि श्रीश्री रविशंकर नैसर्गिक और जैविक खेती को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके लिए वे समूचे देश में भ्रमण करते रहते हैं।
प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुभाष यादव को प्रभारी मंत्री श्री वर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने नमन करते हुए अदरांजलि दी। वहीं हजारों की संख्या में मौजूद किसानों ने अपने नेता के चित्र के समक्ष शीश नवाया और उन्हें आदरांजलि अर्पित की।
श्रीश्री रविशंकर को भेंट की शालंका
कार्यक्रम से पूर्व श्रीश्री रविशंकर को कृषि मंत्री श्री यादव ने बकावां गाँव में बने शिवलिंग और चांदी की शालंका भी भेंट की। वहीं पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री श्री यादव श्रीश्री रविशंकर को शॉल ओढ़ाकर चांदी का श्रीफल भेंट कर महोत्सव में आए किसानों की ओर से एक हल भी भेंट किया। श्रीश्री रविशंकर ने बोरावां में जवारलाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी परिसर में स्थित राधाकृष्ण मंदिर में दर्शन व पूजन कर कल्पवृक्ष का पौधा रोपा।
फोटो का भी हुआ विमोचन
श्रीश्री रविशंकर ने अपने अनुयायियों विनोद जैन, दिलीप डंडीर, सुरेश चंदेल, श्रीमती अमिता हेमंत जैन, विकास पुलोरिया और रेवाराम पाटीदार द्वारा किसानों के लिए प्रकाशित कराई गई अपनी फोटो का भी विमोचन किया। श्रीश्री रविशंकर ने किसानों श्रीमती विद्याबाई नानकराम यादव ग्राम सगुर, सीताराम बाबूलाल मीणा कमोदवाड़ा, श्रीमती कुसुमबाई नारायण पाटीदार ग्राम काकरियाव को हार्वेस्टर की चाबी भी प्रदान की। 22-22 लाख रुपये के इस हार्वेस्टर पर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक किसान को 8 लाख 60 हजार रुपये का अनुदान भी प्रदान किया है।
इन सभी उपस्थित अतिथियों ने भी किया स्वागत
कार्यक्रम में स्व. सुभाष यादव की धर्मपत्नी श्रीमती दमयंती यादव, मप्र विधानसभा की उपाध्यक्ष सुश्री हिना लिखिराम कांवरे, विधायकों में बड़वाह के सचिन बिरला, भगवानपुरा केदारसिंह डाबर, मांधाता के नारायण पटेल, नेपानगर की श्रीमती सुमित्रा कास्डेकर, धरमपुरी पाचीलाल मेढ़ा, देपालपुर के विशाल पटेल, घटिया के रामलाल मालवीय, इंदौर के संजय शुक्ला, हाट पिपल्या के मनोज चौधरी, तराना के महेश परमार व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सिलदार पटेल, अपेक्स बैंक के प्रशासक अशोक सिंह, कलेक्टर गोपालचंद्र डाड, पुलिस अधीक्षक सुनील पांडेय, कृषि संयुक्त संचालक रेवासिंह सिसोदिया, खरगोन कृषि उपसंचालक एम.एल. चौहान, खरगोन उद्यानिकी उप संचालक के.के. गिरवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने श्रीश्री रविशंकर का स्वागत किया। देश-प्रदेश के विख्यात कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर विभिन्न जानकारियाँ दी। किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग ने किसानों के लिए नैसर्गिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी और स्टॉल भी लगाएं। महोत्सव का संचालन सुप्रसिद्ध आरजे, एंकर और आवाज के जादूगर आशीष दवे ने किया।