उत्तराखण्ड में खराब पौध या बीज देने वाले नर्सरी संचालक जाएंगे जेल

देहरादून। घटिया गुणवत्ता का पौधा या बीज देने पर नर्सरी संचालकों को जेल भी जाना पड़ सकता है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मंत्रिमण्डल ने बुधवार, 13 नवम्बर 2019 को नर्सरी एक्ट में सर्वसम्मति से इस पर मुहर लगाई।
नर्सरी संचालकों को पौध के साथ गुणवत्ता की लिखित गारंटी देनी होगी। घटिया पौध या बीज पर नर्सरी संचालकों को जेल हो सकती है। यह कानून निजी और सरकारी नर्सरियों पर भी लागू होगा।
सरकार के प्रवक्ता और मंत्रिमण्डल मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस कानून के लागू होने से बागवानी से जुड़े किसानों को धोखाधड़ी से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता था कि नर्सरी संचालक बड़े-बड़े दावे करते हुए पौध बेचते हैं। कई बार तीन-चार साल की मेहनत के बाद पौध से अपेक्षित नतीजे नहीं मिलते हैं। यह किसानों के साथ ठगी जैसा है। 
मदन कौशिक ने कहा कि नर्सरी एक्ट में प्रावधान किया गया है कि पौध बेचते समय नर्सरी संचालक को लिखित में पौध की गारंटी भी देनी होगी। निजी के साथ-साथ सरकारी नर्सरियों पर भी यह कानून लागू होगा। उन्होंने बताया कि यदि पौध ने गारंटी के अनुसार फसल नहीं दी तो नर्सरी संचालक को हर्जाना देना होगा। उसे छह महीने की जेल या 50 हजार रुपये तक जुर्माना भी देना पड़ेगा। मंत्रिमण्डल मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि ये दोनों सजाएं एक साथ भी लागू हो सकती हैं।
कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जैविक कृषि अधिनियम और नर्सरी एक्ट बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है और इससे बागवानों के हितों की सुरक्षा हो सकेगी। श्री उनियाल ने कहा कि नर्सरियों में आने वाले पौध की जाँच के लिए भी राज्यस्तर पर प्रणाली तैयार किया जाएगा। उद्यान विभाग को समय-समय पर नर्सरियों की जाँच और कार्रवाई का अधिकार होगा।