उत्तराखंड में जैविक अधिसूचित विकासखण्डों में रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक बेचने पर मिलेगा दण्ड

देहरादून। उत्तराखंड को जैविक राज्य बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने जैविक कृषि अधिनियम को अनुमति दे दी। बुधवार, 13 नवम्बर 2019 को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मंत्रिमण्डल ने सर्वसम्मति से इस पर मुहर लगाई। अधिनियम के तहत जैविक खेती के लिए अधिसूचित होने वाले विकासखण्ड में रासायनिक खाद व कीटनाशक की ब्रिकी पर रोक लगेगी। रासायनिक खाद-कीटनाशक की बिक्री और उपयोग पर एक लाख रुपये जुर्माना या एक साल की जेल होगी। ये दोनों दंड एक साथ भी लागू हो सकते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई मंत्रिमण्डल बैठक में 30 विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें से 27 को अनुमति दे दी गई।
बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि यह कानून राज्य को जैविक राज्य के रूप में विकसित करने में मददगार साबित होगा। जैविक खेती किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी। श्री कौशिक ने कहा कि प्रथम चरण में इसे राज्य के आठ विकासखण्डों में लागू किया जाएगा।
कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि दो साल से राज्य जैविक इंडिया पुरस्कार जीतता आ रहा है। जैविक कृषि अधिनियम बनने से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्रिमण्डल की अनुमति के बाद अब इसे विधानसभा में मंजूर कराया जाएगा।