देहरादून। उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को ग्रोथ सेंटर मॉडल रोकेगा। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मंगलवार, 19 नवम्बर 2019 को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिये ग्रोथ सेंटर मॉडल पर काम शुरू कर दिया है। इसमें सरकार स्थानीय उत्पादों का प्रसंस्करण गाँव में ही करवाएगी और उत्पादों की ब्रांडिंग करके राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार भी उपलब्ध कराएगी। गाँव स्तर पर ही प्रसंस्करण से किसानों को उनके उत्पादों की अधिक कीमत मिलेगी। सरकार उद्यमियों को चिह्नित जिलों में प्रोत्साहन पैकेज देगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि वे लंबे समय से पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने और लोगों को उनके घर के पास ही रोजगार उपलब्ध करवाने की योजना पर अफसरशाही के साथ मंथन कर रहे हैं। अब इस मॉडल को सरकार मूर्त रूप देने जा रही है। श्री रावत ने कहा कि 10 से 15 ग्राम पंचायतों को मिलाकर ग्रोथ सेंटर बनाया जाएगा। अब तक 62 ग्रोथ सेंटर चिन्हित हो चुके हैं। ये ग्रोथ सेंटर निजी व सरकारी सहभागिता से विकसित होंगे। इनमें नयी तकनीकी का समावेश, मशीनरी, उपकरण, पैकेजिंग प्रणाली होगा।
त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों को निवेश प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। एमएसएमई नीति के तहत ए श्रेणी के जनपदों को कुल लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत प्रोत्साहन देने की योजना है। सरकार ने ग्रोथ सेंटरों के चयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बना दी है। योजना के क्रियान्वयन और अनुश्रवण के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समितियाँ बनाई गई हैं। महिला स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन और कृषक सहकारी संगठनों को ग्रोथ सेंटर संचालित करने की अनुमति दी गई है।
उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकेगा ग्रोथ सेंटर मॉडल: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत