राजस्थान में मक्का खल उद्योग का तेजी से विस्तार होगा

जयपुर, मंगलवार, 12 नवंबर 2019। देश में बढ़ती माँग के चलते मक्का खल उत्पादन में गुजरात के बाद राजस्थान का मक्का खल उद्योग दूसरे नंबर पर आ गया है। राजस्थान में हाल के महीनों में मक्का खल उत्पादन तेजी से बढ़ता हुआ दोगुना होकर 2,000 टन प्रति माह तक पहुँच गया। तेल उद्योग के सू्त्रों ने यह जानकारी दी है।
उद्योग सू्त्रों के अनुसार राजस्थान में करीब डेढ-दो साल पहले मक्का खल का उत्पादन शुरू हुआ। दो साल की अवधि में ही राज्य में मक्का खल उत्पादन दुगुने से अधिक बढ़ा है। इससे पहले उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में केवल गुजरात से मक्का खल मंगाई जाती थी। लेकिन अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और यहाँ तक कि गुजरात को भी अब मक्का खल की आपूर्ति राजस्थान के उद्योग से हो रही है।
तेल उद्योग के सूत्रों के अनुसार गुजरात में मक्का खल का उत्पादन करीब 10,000 टन मासिक है। सूत्रों के अनुसार इसकी माँग में लगातार बढ़ोतरी के रुझान को देखते हुए गुजरात के व्यापारी राजस्थान से भी मक्का खल मंगा कर आपूर्ति कर रहे हैं।
सरिस्का मक्का खल उद्योग के भागीदार अर्पित गुप्ता ने बताया कि मक्का खल की बढ़ती माँग को देखते हुए हाल में कारखाने का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि ''पशु आहार में मक्का खल की माँग अच्छी है। यह काफी हद तक बिनौला खल की कमी को पूरा करती है। इसमें तेल की मात्रा भी 14 प्रतिशत तक होती है जो कि बिनौला के मुकाबले दुगुनी है। यही वजह है कि अगले महीने से हमारा उत्पादन 2,000 टन तक पहुँच जायेगा।''
एक अन्य कारोबारी राकेश अरोड़ा ने बताया कि मक्का को भिगोने पर मक्का आयल सीड निकलता है। बाजार के जानकारों के अनुसार तेल उद्योग उत्तराखंड, कानुपर, बिहार, बंगाल से मक्का की खरीद करता है। मक्के को भिगो कर उसमें से 5 प्रतिशत आयल सीड (बीज का तेल वाला हिस्सा) निकलता है। मक्का आयल सीड की पेराई से 14 प्रतिशत तक तेल मिलता है। बाजार में मक्का खल का थोक भाव 3,600 से 3,700 रुपये क्विंटल के बीच चल रहा है।