आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग ने केन्द्र को भेजा ज्ञापन
राज्य के 18 जिलों के 12,943 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित
आपदा सेे 49 लाख से अधिक किसान प्रभावित
फसली नुकसान मुआवजा राशि 1,642 करोड़ रुपये माँगे गए
भूमि कटाव से हुए नुकसान की मुआवजा राशि 369 करोड़ रुपये माँगे गए
क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों आदि की मरम्मत के लिए 395 करोड़ रुपये माँगे गए
जयपुर। राजस्थान में अतिवर्षा से हुए नुकसान से राहत के लिए केन्द्र सरकार 2,645 करोड़ रुपये की राशि दे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने गुरुवार, 7 नवम्बर 2019 को केन्द्र सरकार से यह माँग की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मानसून वर्षा के दौरान अत्याधिक भारी वर्षा/ बाढ़ के कारण हुए नुकसान से राहत के लिए केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से लगभग 2,645 करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने की माँग की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में इस ज्ञापन को अनुमति दी।
केन्द्र सरकार को भेजे गये ज्ञापन में राज्य सरकार ने फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में किसानों को कृषि आदान अनुदान देने के लिए करीब 1,642 करोड़ रुपये और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए 369 करोड़ रुपये की माँग की है। इसके अलावा सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों आदि की मरम्मत के लिए एसडीआरएफ के नियमों के तहत लगभग 395 करोड़ रुपये माँगे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज्ञापन भेजने के बाद केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभाग के साथ समन्वय कर यह सहायता राशि जल्द जारी करवाने के प्रयास करें। ताकि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए लोगों को शीघ्र राहत एवं सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके।
आपदा प्रबन्धन विभाग के सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बैठक में अवगत कराया कि इस वर्ष मानसून के दौरान प्रदेश के अधिकांश जिले अत्यधिक वर्षा से प्रभावित रहे जहाँ विभिन्न आपदा राहत गतिविधियाँ चलाई गई। राज्य के 18 जिलों के 12,943 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। आपदा सेे 49 लाख से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं, जिनको कृषि आदान अनुदान राशि वितरित की जानी है।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार ज्ञापन में शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए भी राशि माँगी गई है। इसके लिए सर्वे और गिरदावरी करवाकर बारिश और इससे जुड़े हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलोंं और अन्य परिसम्पतियों को हुए नुकसान का आंकलन किया गया है।
श्री महाजन ने बताया कि भारी वर्षा, जल-भराव/ बाढ़ से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों जैसे आंगनबाड़ी केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि को हुए वास्तविक नुकसान का आकलन कर उसके आधार पर नियमानुसार सहायता राशि की माँग भी ज्ञापन में शामिल है।
बैठक में आपदा प्रबन्धन एवं राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व संजय मल्होत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।