लघु कृषकों की समृद्धि में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका: मंत्री श्री सचिन यादव
भोपाल। प्रदेश में त्रि-स्तरीय सहकारी व्यवस्था ही लागू रहेगी, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सुविधाएँ सहजता से उपलब्ध कराई जा सकें। मध्यप्रदेश के सहकारिता, संसदीय कार्य एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने 'ग्रामीण सहकारिता के माध्यम से नवाचार' विषय पर गुरुवार, 14 नवम्बर 2019 को आयोजित संगोष्ठी के शुभारम्भ अवसर पर यह बात कही।
सहकारी भवन में 66वें सहकारिता सप्ताह का शुभारंभ करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्रामीणों के आर्थिक उत्थान के स्वप्न को पूरा करने में पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुभाष यादव का योगदान सराहनीय रहा।
मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश की निष्क्रिय सहकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलेंगे और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त सामग्री उपलब्ध होगी। डॉ. सिंह ने कहा कि सहकारिता सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित संगोष्ठियों के निष्कर्षों के आधार पर नीतियों का निर्धारण किया जाएगा।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लघु कृषकों की समृद्धि में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके माध्यम से छोटी जोत के किसानों की उपज को नया बजार उपलब्ध कराया जा सकता है, किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य दिलाया जा सकता है। श्री यादव ने प्राथमिक सहकारी साख संस्थाओं को बहुउद्देशीय बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
इस अवसर पर मंत्रीद्वय ने गांधी जी के 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और 'टूरफेड' वेबसाइट का लोकार्पण किया।
राज्य सहकारी संघ के प्रबंध संचालक ऋतुराज रंजन ने सहकारी सप्ताह के दौरान आयोजित की जानेवाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 नवम्बर को सहकारिता के लिये समर्थ विधि-विधान 16 नवम्बर को, सफलता की कहानियों के माध्यम से शिक्षा-प्रशिक्षण का पुर्नमुखीकरण, 17 नवम्बर को सहकारिता का सुदृढ़ीकरण, 18 नवम्बर को सहकारिता के माध्यम से नई शासकीय पहल, 19 नवम्बर को युवाओं, महिलाओं और कमजोर वर्ग के लिये सहकारिता तथा 20 नवम्बर को सहकारिता के माध्यम से वित्तीय समावेशन तकनीक का अभिग्रहण और डिजिटिलाइजेशन विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम में अपेक्स बैंक के प्रशासक अशोक सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता एवं कृषि अजीत केसरी, आयुक्त सह-पंजीयक एम.के. अग्रवाल, मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती स्वाति मीना नायक, अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा और नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एस.के. बंसल भी उपस्थित थे।
प्रदेश में त्रि-स्तरीय सहकारी व्यवस्था ही लागू रहेगी: मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह