पीएम-किसान योजना के लिये साझा सेवा केन्द्रों में किसानों का पंजीकरण शुरु

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत पात्र किसान अब योजना का लाभ पाने के लिये साझा सेवा केंद्रों पर पंजीकरण करा सकते हैं। योजना के लिये इन केन्द्रों ने पंजीकरण का काम शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को वार्षिक 6,000 रुपये की सहायता प्रदान करती है। सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी ने बुधवार, 20 नवम्बर 2019 को यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि पीएम-किसान योजना के तहत दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि रखने वाले 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को तीन किश्तों में 6,000 रुपये दिए जाएंगे।
श्री त्यागी ने कहा, ''सीएससी को कृषि मंत्रालय द्वारा योजना के कवरेज में तेजी लाने के लिए साथ लिया गया है। देश भर में फैले तीन लाख से अधिक सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर-साझा सेवा केन्द्रों) अब पीएम-किसान योजना के लिए पात्र किसानों का नामांकन शुरू करेंगे। किसान अब अपना नामांकन कराने के लिए पास के सीएसी जा सकते हैं और योजना का लाभ ले सकते हैं।''
मंत्रालय ने भारत भर में 14 करोड़ सीमांत किसानों के नामांकन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत एक विशेष उद्देशीय कंपनी, सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज के साथ करार किया है।
दिनेश त्यागी ने कहा, ''सीएससी को पिछले नामांकन में कोई भी बदलाव करने अधिकार दिया गया है। कोई भी किसान जो पहले से ही लाभार्थी है और अपने नामांकन फॉर्म में बदलाव करना चाहता है, जैसे कि पता या नामित व्यक्ति (नामिनी) तो ऐसा करने के लिए उस व्यक्ति को सीएससी जाना होगा।''
उन्होंने कहा कि पंजीयन में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए पूरे देश में 3 लाख सीएससी बनाए गए हैं। जिन किसानों ने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है, वे नजदीकी सेंटर जाकर नाम जुड़वा सकते हैं।
ज्ञात हो कि पीएम-किसान केंद्र द्वारा वित्त पोषित एक आय सहायता योजना है, जिसके तहत सरकार किसानों को 2,000 रुपये, यानी 6,000 रुपये का तीन किश्तों में भुगतान करती है। सीएससी पहले से ही किसानों के लिए केंद्र प्रायोजित पेंशन योजना, पीएम किसान मान धन योजना के लिए नामांकन कार्य कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, 14 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले केवल 7 करोड़ किसानों को ही पीएम-किसान योजना में शामिल हो पाए हैं। अब तक, स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और राज्य सरकारों द्वारा नामित नोडल अधिकारी की ही (पीएम-किसान) किसानों के नामांकन की जिम्मेदार थी।