मथुरा, शुक्रवार, 15 नवम्बर 2019। वातावरण में फैल रहे प्रदूषण के दृष्टिगत जनपद में पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए तहसीलवार सघन निगरानी की जा रही है। सैटेलाइट सर्वे और स्थलीय जाँच के आधार पर जनपद के 288 किसानों को कृषि विभाग ने नोटिस जारी किए हैं। इन किसानों पर कुल 12 लाख 43 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिनकी वसूली तहसीलकॢमयों द्वारा की जा रही है।
भारत सरकार द्वारा पराली जलाने की घटनाओं का समय-समय पर सैटेलाइट के माध्यम से सर्वे कराया जाता है। इस सैटेलाइट सर्वे में जनपद में पराली जलाने की लगभग सवा 300 घटनाओं को चिन्हित किया गया। इस सर्वे रिपोर्ट के जिलास्तर पर भेजे जाने के बाद जाँच प्रारंभ हुई, जिसके आधार पर 288 किसानों को पराली जलाने को लेकर नोटिस जारी किए हैं। इनमें 286 किसान छाता तहसील के और 2 किसान सदर तहसील के हैं। छाता तहसील के 286 किसानों पर कुल 12 लाख 42 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि सदर तहसील के 2 किसानों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। इस जुर्माना राशि की वसूली तहसील के लेखपाल-कानूनगो के माध्यम से कराई जा रही है।
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने जनपद की पाँचों तहसीलों छाता, मांट, मथुरा, महावन और गोवर्धन के एसडीएम और तहसीलदारों को पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह रोक के लिए फील्ड में अधिकाधिक भ्रमण के निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा है कि अधिकारी स्वयं भ्रमण कर स्थिति का जायजा लें और उसी अनुसार अधीनस्थों से सरकार के निर्देशों का अनुपालन कराएं।
आने वाले समय में कम होंगी पराली जलाने की घटनाएं
उपकृषि निदेशक धुरेंद्र कुमार ने बताया है कि जनपद की कृषि भूमि पर अब अधिकांशत: गेहूँ बुवाई का काम शुरु हो गया है, लिहाजा खेतों में पराली जलाने की घटनाओं पर आने वाले समय में काफी कमी आ जाएगी।
पराली जलाने पर 288 किसानों को मिला नोटिस, लगा जुर्माना