पाम तेल आयात 8 प्रतिशत बढ़ा: एसईए

Palm Oil
सोयाबीन तेल का आयात 1.5 प्रतिशत बढ़कर 30.9 लाख टन हुआ
मुंबई। भारत का पाम तेल आयात 31 अक्टूबर को समाप्त विपणन वर्ष के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 8 प्रतिशत अधिक रहा है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने शुक्रवार, 15 नवम्बर 2019 को एक वक्तव्य में यह जानकारी दी है।
एसईए ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पाम तेल आयात शुल्क में कमी करने के बाद मलेशिया से परिष्कृत पाम तेल की खरीद बढऩे के कारण ऐसा हुआ है। पाम तेल की अधिक खरीदारी करने से इसका आयात 94 लाख टन तक पहुँच गया है। जो 31 अक्टूबर को समाप्त विपणन वर्ष के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 8 प्रतिशत अधिक रहा है। 12 महीने के दौरान भारत का कुल वनस्पति तेल आयात 3.5 प्रतिशत बढ़कर 1.55 करोड़ टन हो गया है।
एसईए ने अपने वक्तव्य में कहा, '2018-19 विपणन वर्ष में भारत का पाम तेल आयात पिछले साल के मुकाबले 28 प्रतिशत उछलकर 27 लाख टन हो गया।' भारत की ओर से आयात बढ़ाए जाने के कारण मलेशिया को अपने स्टॉक में कमी लाने में मदद मिली है और मलेशिया के बेंचमार्क पाम तेल के दाम मजबूत हुए है जो विगत दो वर्षों से अपने शीर्ष स्तर के करीब कारोबार कर रहा है। 
भारत के कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई रहती है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल की खरीद करता है, जबकि सोयाबीन तेल का आयात मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से किया जाता है। यूक्रेन और रूस से सूरजमुखी के तेल की खरीद की जाती है। 
वैश्विक व्यापारिक कंपनी के मुंबई स्थित एक व्यापारी ने बताया कि जनवरी से अगस्त तक मलेशिया से परिष्कृत पाम तेल के आयात पर लगने वाला आयात शुल्क उसके प्रतिस्पर्धी देश इंडोनेशिया से होने वाली आपूर्ति पर लगने वाले शुल्क के मुकाबले 5 प्रतिशत कम रहा है। इससे रिफाइनरों को मलेशिया से खरीदारी बढ़ाने का प्रोत्साहन मिला। सितंबर के पहले हफ्ते में भारत ने मलेशिया से होने वाले परिष्कृत पाम तेल आयात पर लगने वाला शुल्क छह महीने के लिए 45 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था ताकि स्थानीय रिफाइनिंग को मजबूती देने के लिए आयात में कमी लाई जा सके।
मुंबई स्थित व्यापार संगठन ने कहा कि 2018-19 विपणन वर्ष के दौरान सोयाबीन तेल का आयात 1.5 प्रतिशत बढ़कर 30.9 लाख टन हो गया जबकि सूरजमुखी का तेल आयात 7 प्रतिशत फिसलकर 23.5 लाख टन रह गया।