नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाकर प्रति हेक्टेयर अधिक से अधिक लें: मुख्यमंत्री


लखनऊ। नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाकर प्रति हेक्टेयर अधिक से अधिक लें। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार, 14 नवम्बर 2019 को जनपद लखीमपुर खीरी में चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के अधीन जमुनाबाद के कृषि महाविद्यालय परिसर के प्रथम चरण व प्रशासनिक भवन के लोकार्पण तथा कृषि विज्ञान केन्द्र जमुनाबाद के प्रशासनिक भवन के शिलान्यास अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में किसानों से यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखीमपुर खीरी क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा जनपद है। यहाँ के किसानों को नवीनतम तकनीक, उन्नत बीज तथा उनकी फसल के विक्रय के लिए बाजार चाहिए। कृषि महाविद्यालय के लोकार्पण की जनपदवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं से किसानों को जोडऩे के लिए आज महाविद्यालय का प्रथम चरण जनपदवासियों को समर्पित किया गया है। उन्होंने किसानों से सिंचाई की आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज तथा अन्य नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाकर प्रति हेक्टेयर अधिक से अधिक गन्ना उत्पादन करने का आह्वान किया। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को तकनीकी जानकारी देने की इकाई है। खीरी में पूर्व से ही एक कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत था, किन्तु उसकी भी हालत अत्यन्त दयनीय थी। जनपद की आवश्यकता के दृष्टिगत 2 कृषि विज्ञान केन्द्र और 1 कृषि महाविद्यालय यहाँ के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। पूर्ववर्ती सरकारों में किसान सरकार के एजेण्डे में नहीं होते थे, किन्तु वर्ष 2014 में बनी केन्द्र सरकार ने प्रारम्भ में ही स्पष्ट कर दिया था कि गाँव, किसान और नौजवान उनके एजेण्डे में सबसे ऊपर हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धरती माता के स्वास्थ्य की चिन्ता करनी है। इसलिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की मदद से धरती को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करके हम कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश में वर्तमान सरकार बनने के बाद लघु एवं सीमान्त किसानों का 1 लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया गया है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया गया है।
योगी आदित्यनाथ ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए अपील की कि पराली को जलाया न जाए, बल्कि खेत के कोने में गड्ढा बनाकर उसे कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएयह कम्पोट खाद जहाँ धरती की उर्वरता बढ़ाएगी, वहीं पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से भी बचाएगी।
मुख्यमंत्री ने गन्ना मूल्य बकाया भुगतान के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि जनपद की 9 में 5 चीनी मिलों ने अपना गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया है तथा शेष 4 गन्ना मिलों से अतिशीघ्र गन्ना मूल्य बकाया भुगतान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद महराजगंज में एक चीनी मिल द्वारा किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर उनकी नीलामी कर किसानों का भुगतान कराया गया। किसानों की उपज की खरीद की समुचित व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रदेश में 5,000 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को तौली गई उनकी उपज का भुगतान 72 घण्टे में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से करा दिया जाए।
कार्यक्रम में कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए अनवरत कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षों में प्रदेश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में नए संकाय खोले गए हैं। साथ ही, कृषि शिक्षा पर 200 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं की नस्ल सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर भारी अनुदान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम को सांसद खीरी अजय मिश्र टेनी व विधायक अरविन्द गिरि ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने फसल अवशेष प्रबन्धन योजना के अन्तर्गत जनपद के 5 किसानों अरविन्द कुमार सिंह, अमित कुमार वर्मा, सरदार मंगा सिंह, अनुपम बाजपेई और लवजीत सिंह को ट्रैक्टर की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी। मुख्यमंत्री ने कृषि महाविद्यालय परिसर की पंचवटी में पीपल का पौधा रोपित किया। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय परिसर में लगे विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का भी अवलोकन किया।