अहमदाबाद। नैनो तकनीक वाले खाद, किसानों की आय को दोगुनी करने में सहायक सिद्ध होंगे। केन्द्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री डी.बी. सदानंद गौड़ा ने, रविवार, 3 नवम्बर 2019 को इफको की गुजरात स्थित कलोल इकाई में नैनो तकनीक आधारित नैनो नाइट्रोजन, नैनो जिंक और नैनो कॉपर उर्वरकों के क्षेत्र परीक्षण हेतु लोकार्पण पर आयोजित समारोह में यह बात कही। उन्होंने इन उत्पादों के क्षेत्र परीक्षण करने की भी घोषणा की। उन्होंने 26 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों से आए 34 किसानों जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं, को नैनो उत्पाद भेंट किए।
कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री व पंचायत राज राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला, केन्द्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व राज्य मंत्री रसायन एवं उर्वरक मनसुख मण्डाविया, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, गुजरात के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों व ग्रामोद्योग मंत्री जयेश राडाडिया, गुजरात के वरिष्ठ सहकारी नेता, गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लि. के अध्यक्ष और इफको के राष्ट्रीय संचालक मण्डल के सदस्य दिलीपभाई एन. संघानी, इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई, इफको के प्रबंध संचालक डॉ. यू.एस. अवस्थी और इफको के संयुक्त प्रबंध निदेशक व मुख्य वित्तीय अधिकारी राकेश कपूर, इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे।
सदानंद गौड़ा ने कहा कि नैनो उत्पादों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी। नैनो तकनीक प्रधानमंत्री श्री मोदी की ग्रीन परियोजना का हिस्सा है। नैनो तकनीक प्रदूषण नियंत्रण करने और कम लागत में अधिक उत्पादन देने में किसानों की सहायता करेगी। इसकी मदद से न केवल किसानों की आय दोगुनी होगी बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
श्री गौड़ा ने कहा कि नैनो तकनीक क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करने में इफको की यह पहल अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत में पहली बार इस तरह के नैनो उत्पादों की प्रस्तुति के लिए इफको की पूरी टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नैनो उत्पाद किसानों के खेतों में अच्छे परिणाम देंगे और जल्द से जल्द किसान इन उत्पादों का उपयोग करना शुरू करेंगे।
केन्द्रीय उर्वरक मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का उर्वरक मंत्रालय देश के किसानों को लाभान्वित करने के लिए अनेक योजनाएँ संचालित कर रहा है। इनमें नीम कोटेड यूरिया, फोर्टिफाइड यूरिया, उर्वरकों में डीबीटी आदि हैं। इनके साथ ही हर किसान तक उर्वरकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उर्वरकों की बिक्री के लिए पीओएस मशीनों का उपयोग महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि सरकार की इन सभी पहलों को बढ़ावा देने में इफको ने बहुत अच्छा काम किया है।
केन्द्रीय उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि संसाधनों की कमी और उर्वरकों की कम दक्षता के कारण, किसान की फसल लागत में नाटकीय रूप से वृद्धि हो रही है। भारतीय किसानों की लागत में कमी लाने के लिए इफको की इस पहल की प्रशंसा करता हूँ।
केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारतीय कृषि में दूसरी हरित क्रांति सिर्फ आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। उन्नत उर्वरकों की शुरूआत इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मुझे खुशी है कि इफको सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि मैं कलोल से आता हूँ और मैंने बचपन से इफको का विकास देखा है। इफको के नैनो उत्पाद गुजरात और भारतीय किसानों के लिए एक उपहार हैं।
इस अवसर पर इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव (इफको) के प्रबंध संचालक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने कहा कि आज इफको का 52वां स्थापना दिवस है। आज से 52 वर्ष पहले रासायनिक उर्वरकों का दौर था आज नैनो उत्पादों का दौर है। आज इफको ने दूसरी क्रांति की शुरूआत की है। डॉ. अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाने की अपील की थी। हमने उस बात को ध्यान में रखते हुए नैनो उत्पाद विकसित किए हैं। कलोल स्थित इफको के नैनो बॉयोटेक्नालाजी सेंटर (एनबीआरसी) ने इन नैनो उत्पादों का अनुसंधान और विकास किया है।
उन्होंने कहा कि ये उत्पाद किसानों के खेत की मिट्टी का स्वास्थ बढ़ाएंगे। ग्रीन हाऊस गैसेस के उत्सर्जन को कम करेंगे। फसलों की उपज में 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करेंगे। परम्परागत या प्रचलित रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में मात्रात्मक 50 प्रतिशत कमी करेंगे।
डॉ. अवस्थी ने कहा कि आईसीएआर और कृषि विज्ञान केन्द्रों के सहयोग से इन उत्पादों का किसानों के खेतों में परीक्षण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इफको नैनो नाइट्रोजन उत्पाद का उपयोग वैकल्पित तौर पर यूरिया उर्वरक के स्थान पर कर सकेंगे। इसका सही उपयोग करने पर यूरिया उर्वरक में 50 प्रतिशत तक की कमी लायी जा सकेगी। इफको नैनो जिंक, बाजार में मिल रहे विभिन्न जिंक उर्वरकों का विकल्प है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में इसका मात्र 10 ग्राम उपयोग करने से कॉम्पलेक्स एन:पी:के उर्वरकों के उपयोग में 50 प्रतिशत की कमी लाई जा सकेगी। इफको नैनो कॉपर का उपयोग करने से फसलों में रोग फैलाने वाले रोग वाहक जीवाणुओं से पौधों को सुरक्षित रखने में सहायता मिलेगी। इसके उपयोग से पौधों का विकसित करने वाले हार्मोन की क्रिया में तेजी आएगी। पौधों का समग्र विकास होगा।
इफको के विपणन निदेशक योगेन्द्र कुमार ने बताया कि आज देशभर में 11 स्थानों पर लोकर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि इफको द्वारा प्रस्तुत तीन उत्पाद, इफको के नैनो उत्पादों की प्रारंभिक श्रेणी की शुरूआत भर है। इफको एनबीआरसी में कई पोषक संयोजनों को विकसित करने की प्रक्रिया जारी है। इफको समय-समय पर नैनो-उत्पाद शृंखला में नए उत्पादों को प्रस्तुत करती रहेगी।