नयी दिल्ली। मनरेगा में मजदूरी दर को मंहगाई से जोडऩे के लिये सरकार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को संशोधित करने के बारे में श्रम मंत्रालय के निर्णय का इंतजार है। ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार, 22 नवम्बर 2019 को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मनरेगा कानून के तहत प्रतिवर्ष अप्रैल में मजदूरी की दरों का पुनर्निर्धारण किया जाता है। मंहगाई से इसे जोड़ने के लिये श्रम मंत्रालय को अंतिम निर्णय करना है।
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में श्री तोमर ने बताया कि मंत्रालय अकुशल मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी दर कृषि मजदूरों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सभी राज्यों के लिये हर साल पुनर्निधारण करता है। मनरेगा मजदूरों के लिये पारिश्रमिक के निर्धारण के लिये किसी उपयुक्त इंडेक्स बनाने पर अध्ययन के लिये एक समिति गठित की गयी थी।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी के निर्धारण के लिये कृषि मजदूरों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की बजाय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण का उपयोग करने की सिफारिश की है। साथ ही समिति ने दिसंबर माह के सूचकांक के बजाय मंहगाई दर के वार्षिक औसत का उपयोग करने की भी सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि इस बारे में श्रम मंत्रालय के निर्णय का इंतजार है।
मनरेगा में मजदूरी दर को मंहगाई से जोडऩे के लिये सरकार को श्रम मंत्रालय के निर्णय का इंतजार: नरेन्द्र सिंह तोमर