नयी दिल्ली, शनिवार, 2 नवम्बर 2019। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) का लाभ देशभर के किसान उठा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान इस लाभ से वंचित हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की इस योजना पर आपत्ति के कारण प्रदेश में यह योजना अब तक लागू नहीं हो पाई है।
आरंभ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पीएम-किसान योजना के आलोचक थे, मगर बाद में उन्होंने अपना विचार बदला और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को लाभ दिलाने के लिए केन्द्र की इस योजना को स्वीकार कर लिया। लेकिन ममता बेनर्जी इस योजना की मुखर आलोचक बनी हुई हैं, इसलिए वह अपने राज्य में इसे लागू होने देने के पक्ष में नहीं हैं। ममता बेनर्जी की हठधर्मिता के कारण पश्चिम बंगाल के गरीब किसान पीमए-किसान योजना के लाभ से वंचित हैं।
पश्चिम बंगाल के किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं इसलिये राज्य के 45,000 किसानों ने अपना ऑनलाइन पंजीयन केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम-किसान सम्मान निधि पोर्टल पर करवा लिया है। मगर, पंजीकृत किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ तभी मिल पाएगा, जब प्रदेश सरकार द्वारा इनके पात्र लाभार्थी होने का सत्यापन किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव व पीएम-किसान के मुख्य कार्याधिकारी विवेक अग्रवाल, आईएएस ने कहा, 'पीएम-किसान सम्मान निधि पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के विवरण राज्य सरकारों के पास भेजे जाते हैं, जहाँ से आधार व भू-राजस्व के रिकॉर्ड की जाँच के बाद उनकी पात्रता की जाँच की जाती है। जाँच की इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही पात्र किसानों के खाते में पीएम-किसान योजना की राशि का हस्तांतरण किया जाता है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसानों को पीएम-किसान का लाभ तभी मिल पाएगा, जब राज्य सरकार उनकी पात्रता का सत्यापन करेगी।'
ममता बेनर्जी के इस रुख को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अक्सर संकीर्ण राजनीतिक मानसिकता का परिचायक बताती रही है। मगर, राजनीतिक दलों के बीच इस तकरार से किसानों का हक मारा जा रहा है।
विवेक अग्रवाल ने बताया कि पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ देश के 7.20 करोड़ किसानों को मिलने लगा है, जिन्हें अब तक 33,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि पीएम-किसान सम्मान निधि में एक किसान परिवार को वार्षिक 6,000 रुपये सीधे हस्तांतरित किया जाता है। तीन किश्तों में इस राशि का भुगतान किया जाता है और प्रत्येक किश्त की राशि 2,000 रुपये होती है। यह राशि किसानों को कृषि कार्य में मदद के लिए दी जाती है, जिसका उपयोग वे बीज व उर्वरक खरीदने व अन्य आवश्यकतों को पूरा करने में करते हैं। किसानों को इस योजना का लाभ पिछले साल दिसंबर महीने से ही दिया जा रहा है। पंजीकृत किसानों को ही इस योजना का लाभ मिलता है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसान अब तक तीन किश्तों यानी 6,000 रुपये का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं।
ममता बैनर्जी की हठधर्मिता से पीएम-किसान योजना से वंचित पश्चिम बंगाल के किसान