मध्यप्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता अन्नदाता किसान की समृद्धि है: सचिन यादव

Cabinet Minister for Agriculture, Horticulture and Food Processing of Madhyapradesh Sachin Yadav
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता अन्नदाता किसान की समृद्धि है। किसान-कल्याण और कृषि विकास मंत्री सचिन यादव ने शुक्रवार, 22 नवम्बर 2019 को यह बात कही।
20 लाख किसानों के 7,154 करोड़ 36 लाख रुपये के ऋण माफ
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने वचन पत्र के अनुसार ''जय किसान फसल ऋण माफी योजना'' लागू कर किसानों को ऋणमुक्त करने का अभियान चलाया है। पहले चरण में 20 लाख 22 हजार 731 पात्र किसानों के 7,154 करोड़ 36 लाख रुपये के ऋण माफ किये गये हैं। दूसरे चरण में 12 लाख 2 हजार 78 ऋण खाताधारक किसानों के ऋण माफ किये जाएंगे। दूसरा चरण शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है।
केन्द्र ने अब तक नहीं दी बाढ़ और अतिवृष्टि नुकसान पर राहत राशि
मंत्री सचिन यादव ने बताया कि प्रदेश में अति-वृष्टि और बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। लगभग 55 लाख किसानों की 60 लाख हेक्टेयर की फसलें खराब हुईं। हमने किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति, जान-माल और अधोसंरचना के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से 6,621 करोड़ 28 लाख रुपये की सहायता देने का आग्रह किया है, किन्तु अब तक केन्द्र की ओर से सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये की धनराशि के अतिरिक्त अन्य कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि किसान की सबसे बड़ी ताकत फसल बीमा की राशि होती है। राज्य सरकार ने इस भीषण प्राकृतिक आपदा में खरीफ वर्ष 2019 में फसल बीमा के राज्यांश अग्रिम की राशि 509.60 करोड़ का भुगतान बीमा कंपनियों को कर दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने इस मद में भी राज्यांश राशि 2,301 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है।
जय किसान समृद्धि योजना
मंत्री सचिन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को हर कदम पर सहयोग कर रही है। प्रदेश में 5 मार्च 2019 को ''जय किसान समृद्धि योजना'' लागू कर रबी सत्र 2019-20 के लिए कृषि उपज मंडी एवं ई-उर्पाजन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किये गये गेहूँ पर 160 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। योजना में 92 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूँ विक्रय करने वाले 11 लाख 79 हजार किसानों को 1463 करोड़ 42 लाख की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण योजना
मंत्री सचिन यादव ने बताया है कि प्रदेश में इस वर्ष से ''मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण योजनाÓÓ लागू की गई है। योजना में शिक्षित बेरोजगार युवाओं को एक से ढाई एकड़ भूमि प्रति हितग्राही 30 साल के लिए लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में फूलों की खेती के लिए 100-100 एकड़ के क्लस्टर तैयार किये जा रहे हैं। दो नवीन उद्यानिकी महाविद्यालय रेहली एवं छिंदवाड़ा में प्रारंभ किए गए हैं। इंडो-इजराईल प्रोजेक्ट में उद्यानिकी के तीन सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा रहे हैं। इनमें नींबूवर्गीय फसलों का छिंदवाड़ा में, सब्जियों का मुरैना में तथा फूलों का केन्द्र भोपाल में स्थापित हो रहा है।
पूर्ववर्ती सरकार में कम हुआ खेती का क्षेत्रफल
मंत्री श्री यादव ने बताया कि पिछले चार साल में प्रदेश में किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया था। राज्य सरकार ने इस स्थिति का पूरा ब्यौरा विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया था। केन्द्र सरकार द्वारा 28 सितम्बर 2018 को जारी एक रिपार्ट में भी कहा गया था कि मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में औसत खेती का क्षेत्रफल लगातार कम होता रहा है। सीमांत किसान की औसत जोत मात्र 0.49 हेक्टेयर रह गई थी और खेती का क्षेत्रफल एक लाख 66 हजार हेक्टेयर कम हो गया था।
कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिये ''शुद्ध के लिए युद्ध''
मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में विरासत में मिली बदहाल स्थिति को समृद्धता की ओर ले जाने का निश्चय किया है। इसके लिए किसानों को हर कदम पर हर तरह की मदद उपलब्ध कराई जा रही है। गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में ''शुद्ध के लिए युद्ध'' अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ बीज, उर्वरक और कीटनाशक के मानक स्तर का परीक्षण किया जा रहा है बल्कि कम मात्रा में सामग्री विक्रय, अनाधिकृत विक्रय, कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर विक्रय आदि पर भी गंभीरता से कार्यवाही की जा रही है।
अब तक 1,313 उर्वरक विक्रेताओं/ गोदामों का निरीक्षण कर 1,096 नमूने लिये गये हैं एवं 110 प्रकरणों में अनियमितता पर कार्यवाही की गई है। उर्वरक निर्माण इकाइयों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। इसी प्रकार 1,120 बीज विक्रेताओं/ गोदामों का निरीक्षण कर 1,129 बीज नमूने संकलित किये गये और 51 प्रकरणों में कार्यवाही की गई। कुल 334 पौध संरक्षण दवा विक्रेताओं/ गोदामों का निरीक्षण किया गया और 66 प्रकरणों में कार्यवाही की गई है।
मंडियों में नगद भुगतान की व्यवस्था
मंत्री सचिन यादव ने बताया कि कृषि उपज मंडी समितियों में कृषकों को उनकी कृषि उपज के विक्रय पर 2 लाख रुपये तक के नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है। बैंकों से एक करोड़ रुपये से अधिक नगद आहरण पर टीडीएस कटौती के आयकर अधिनियम के प्रावधानों से मंडियों में नगद भुगतान में आ रही कठिनाइयों की ओर भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए मंडी व्यापारियों को इस प्रावधान से मुक्त कराने की पहल की गई है।
भावांतर के भी 1,017 करोड़ नहीं दिये केन्द्र ने
मंत्री श्री सचिन यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के समय का खरीफ 2018 के फ्लैट भावान्तर योजना में मक्का फसल के लिये 2 लाख 60 हजार किसानों को 514 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भी केन्द्र, मध्यप्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है। खरीफ 2017 के भावांतर के 576 करोड़, खरीफ 2018 के 321 करोड़ और अतिरिक्त 6 लाख मीट्रिक टन के 120 करोड़ अर्थात कुल 1,017 करोड़ रुपये केन्द्र द्वारा मध्यप्रदेश को अब तक नहीं दिये गये हैं।
ई-नाम योजना से जुड़ी कृषि उपज मंडियाँ
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना के द्वितीय चरण में राज्य सरकार द्वारा 25 कृषि उपज मंडियों को ई-नाम योजना से जोड़ा गया है। मंडी बोर्ड द्वारा 16 अगस्त, 2019 से प्रदेश की सभी मंडियों में एक साथ ई-अनुज्ञा प्रणाली लागू कर 4 लाख 14 हजार से अधिक ई-अनुज्ञा जारी की गई हैं। इससे मण्डी व्यापारियों का समय बचा है। प्रदेश में 27 मण्डी प्रांगण में सोलर एनर्जी प्लांट भी स्थापित किये गये हैं। कृषकों को मण्डी प्रांगण में संतुष्टि अनुरूप मूल्य प्राप्त नहीं होने पर चार माह की नि:शुल्क सुविधा और 80 प्रतिशत राशि तक कृषि उपज का भुगतान करने के लिये कोलेटेरल मैनेजमेंट एजेंसीस के चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना
मंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में किसानों की विगत 15 वर्षों की माँग को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना लागू की है। इसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के लिए अनुदान का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 70 कर दिया गया है। योजना में अब किसानों को प्रति हेक्टर 70 हजार रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
किसानों को सस्ती बिजली
वचन-पत्र के वचन के अनुसार 10 हॉर्स पॉवर तक के कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरों को आधा कर दिया गया है। पूर्व में  निर्धारित 1,400 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर प्रतिवर्ष कृषि पंपों की विद्युत दर को अब 700 रुपये कर दिया गया है। इससे लगभग 20 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में प्रति कृषि उपभोक्ता लगभग 47 हजार रुपये प्रतिवर्ष राजसहायता दी जा रही है। राज्य सरकार ने अब तक 2,622 करोड़ 53 लाख रुपये की राजसहायता प्रदान की है। अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक के लिए 20 लाख 10 हजार कृषि पंपों के लिए करीब 6,138 करोड़ रुपये की राजसहायता का प्रावधान किया गया है।  स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के अतिरिक्त अस्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं की विद्युत दरें भी कम की गई हैं। 
छोटे अजजा/ अजा किसानों को नि:शुल्क बिजली
मंत्री सचिन यादव ने बताया है कि एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों को 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिये नि:शुल्क बिजली दी जा रही है। इसके एवज में राज्य सरकार बिजली कंपनियों को 3,800 करोड़ रुपये वार्षिक राजसहायता देगी।  
जैविक खेती
मंत्री सचिन यादव ने बताया कि जैविक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में पहले नंबर का राज्य है। एपीडा के अनुसार प्रदेश में 2 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपास, गेहूँ, धान, अरहर, चना, सोयाबीन इत्यादि फसलों की जैविक खेती की जा रही है। जैविक खेती के दृष्टिकोण से गौ-शालाएँ बेहद महत्वपूर्ण हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर गौ-शालाओं का निर्माण कराया जा रहा है।