प्रथम चरण में प्रदेश में एक हजार गौ-शालाओं का निर्माण कार्य जारी
द्वितीय चरण में तीन हजार गौशालाओं का निर्माण किया जायेगा
विदिशा। प्रदेश के सभी जिलों में नदी किनारे एक-एक गौ अभ्यारण्य बनाया जाएगा। पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री लाखन सिंह यादव ने सोमवार, 4 नवम्बर 2019 को विदिशा के नवीन कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में निर्माणाधीन गौ-शालाओं के कार्यों की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गौ-वंशों की देखभाल के लिए विशेष योजनाओं का संचालन कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश में एक हजार गौ-शालाओं का निर्माण कराया जा रहा है, जिन्हें 15 दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक जिले में नदी के किनारों पर एक-एक गौ-वंश अभ्यारण्य बनाया जाएगा।
पशुपालन मंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में द्वितीय चरण में कुल तीन हजार गौशालाओं के निर्माण हेतु भूमि का चिन्हांकन करने के निर्देश कलेक्टरों को प्रेषित किए गए है।
जिन सरपंचों के द्वारा गौ-शालाओं के निर्माण कार्यों में राशि व्यय की गई है, उसका भुगतान शासन की ओर से कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में यदि कोई पुन: चुनकर नहीं आता है तो भी राशि लौटाने की कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में विदिशा विधायक शशांक भार्गव, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, जिला पंचायत मुख्य कार्याधिकारी मयंक अग्रवाल, पशुपालन विभाग के संचालक डॉ आर.के. रोकड़े, संयुक्त संचालक ओ.पी. ओड़े, उप संचालक एस.सी. वर्मा के अलावा जनप्रतिनिधि, समस्त जनपदों के मुख्य कार्याधिकारी, गौ-शाला के निर्माण कार्यों को क्रियान्वित करने वाले पंचायतों के सरपंच, सचिव, जेआरएस, उपयंत्री मौजूद थे।
मंत्री श्री यादव ने मुख्य कार्याधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया कि गौ-शालाओं जलापूर्ति हेतु योजना के तहत ट्यूबबेल खनन कराने के लिये महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य करवाएं। गौ-शाला के निर्माण कार्य में राशि की कमी होने पर पंच परमेश्वर योजना के तहत विकास कार्य करवाएं।
पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने समीक्षा बैठक के दौरान सरपंच सचिव के अलावा उपयंत्रियों से संवाद स्थापित कर उन्हें निराश्रित गायों के संवर्धन हेतु तैयार की जा रही गौ-शालाओं के निर्माण कार्यों में मानवीय पक्ष को ध्यानगत रखते हुए शीघ्रतिशीघ्र पूर्ण गुणवत्ता और ईमानदारी से पूरा कराएं।
मंत्री श्री यादव ने गौ-शालाओं में बिजली आपूर्ति के लिए ऊर्जा विभाग से कनेक्शन लेने पर बल दिया। ऐसे गौ-शालाएं जहाँ बिजली विभाग द्वारा सुगमता से बिजली नही पहुँचाई जा सकती है उन चिन्हित गौ-शालाओं हेतु सोलर ऊर्जा प्रणाली संचालित किया गया है। उन्होंने गौ-शालाओं में बिजली की आपूर्ति सुगमता से हो इसके लिए 25 केव्ही के ट्रांसफार्मर गौ-शालाओं के समीप स्थापित किए जाएं।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिले में गौ-शालाओं के उत्थान हेतु किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि जिले में निजी भू-स्वामियों द्वारा भी गौ-शालाओं के लिए भूमि दान करने की पहल की जा रही है। इसके अलावा गौ-शालाओं को मंदिरों से भी जोड़ा जा रहा है। जिले में 24 हजार से अधिक निराश्रित गौ-वंश है। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय से पूर्व जिले की सभी 36 गौ-शालाओं के संचालन की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। मंत्री जी की मंशा के अनुरूप लोकार्पण के समय कम से कम 50 से 60 निराश्रित गौवंशों को गौ-शालाओं में लाया जाएगा। तदोपरांत ही लोकार्पण संबंधी कार्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सम्पन्न कराए जाएंगे।
इससे पहले जिला पंचायत मुख्य कार्याधिकारी मयंक अग्रवाल ने जिले में गौ-शाला निर्माण संबंधी कार्यों की जानकारी पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 36 गौ-शालाओं का निर्माण किया जाना है। सभी गौ-शालाओं के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है। 34 गौ-शालाओं के लिए प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है जिसमें से 32 गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। प्रगतिरत गौ-शालाओं में कार्य का स्तर से अवगत कराते हुए उन्होंने बताया कि 11 न्यू स्तर, 13 प्लिन्थ लेवल तथा 5 लेंटल स्तर तथा 3 छत स्तर का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रत्येक गौ-शाला निर्माण के लिए 27 लाख 71 हजार की राशि जारी की गई है जिसमें 20 लाख अद्योसंरचना निर्माण कार्य हेतु शेष मजदूरी के मान से जारी की गई है।
विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने गोपालन पुरस्कार एवं जिले में गलघोंटू बीमारी से मृत पशुधन के संबंध में जानकारी चाही गई।
पशुपालन विभाग की बैठक में विभाग के उप संचालक एस.सी. वर्मा ने 1962 पशुधन संजीवनी योजना के अंतर्गत आकस्मिक एवं घर पहुँच पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु निर्धारित शुल्क के बारे में तथा विभाग के द्वारा पशु उपचार, बधियाकरण, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान एवं कृत्रिम गर्भाधान से वत्सोत्पादन, प्राकृतिक गर्भाधान तथा प्राकृतिक गर्भाधान से वत्सोत्पादन के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
मध्यप्रदेश के सभी जिलों में नदी किनारे गौ अभ्यारण्य बनाया जाएगा: पशुपालन मंत्री श्री यादव