कुल विद्युत उत्पादन में भारत का हरित ऊर्जा हिस्सा बढ़ा: केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय

नयी दिल्ली। कुल विद्युत उत्पादन में भारत का हरित ऊर्जा हिस्सा बढ़ा। विद्युत मंत्रालय द्वारा बुधवार, 20 नवम्बर 2019 को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के अनुसार देश में अप्रैल, 2019 से जुलाई, 2019 तक इलेक्ट्रीकल ऊर्जा उपलब्धता में 6.5 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चालू वर्ष की पहली तिमाही में यह वृद्धि लगभग 7.5 प्रतिशत थी और जुलाई में यह 6.7 प्रतिशत थी। केवल अक्टूबर के महीने में गिरावट आई, क्योंकि अक्टूबर 2019 में सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में माँग में कमी आई तथा घरेलू और वाणिज्यिक क्षेत्रों में ठण्डक की आवश्यकता में भी कमी आई।
चालू वर्ष 2019-20 (अक्टूबर, 2019 तक) में अच्छी वर्षा हुई। इस कारण जल विद्युत से उत्पादन में 16 प्रतिशत और भूटान से आयातित जल विद्युत में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई। परमाणु विद्युत संयंत्रों से उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई और सौर विद्युत से उत्पादन 24 प्रतिशत अधिक हुआ। इस तरह हरित ऊर्जा यानी गैर-जीवाश्म ईंधन से उत्पादन लगभग 27.3 प्रतिशत हुआ। यह 2015-16 की तुलता में काफी अधिक है।
विद्युत मंत्रालय ने कहा कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में ताप विद्युत संयंत्रों का पीएलएफ कम रहा है क्योंकि भारत कार्बन में कटौती के लिए ऊर्जा मिश्रण को बदल रहे हैं। पहली तिमाही में नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पादन 18.6 प्रतिशत अधिक रहा और जल विद्युत से उत्पादन 25.1 प्रतिशत अधिक रहा। दूसरी तिमाही में जल विद्युत से उत्पादन 9.1 प्रतिशत बढ़ा। परमाणु विद्युत से उत्पादन पहली तिमाही में 11.2 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 43.3 प्रतिशत बढ़ा। स्वभाविक रूप से ताप विद्युत संयंत्र का पीएलएफ कम होगा।
मॉनसून समाप्त होने पर जल विद्युत और पवन ऊर्जा से उत्पादन में कमी होगी, इसलिए नवम्बर 2019 से मार्च 2020 तक विद्युत माँग ताप विद्युत स्टेशनों से पूरी की जायेगी। इस तरह ताप विद्युत स्टेशनों का पीएलएफ लक्ष्य के अनुसार 2019-20 में 60 प्रतिशत बढ़ेगा।