नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार कृषि स्टार्टअप और छोटे उद्यमियों के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ स्थापित करने की योजना बना रही है। राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकार (एनआरआरए) के मुख्य कार्याधिकारी और किसानों की आय को दोगुना करने संबंधी अंतर मंत्रालयीन समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक दलवई ने फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
डॉ. दलवई ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ स्टार्टअप कंपनियाँ, किसानों को लागत कम करने और आय बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने मानकीकृत और सुव्यवस्थित आँकड़ों के लिए एक मंच तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिन तक किसान नि:शुल्क में पहुँच सकें। उन्होंने कहा, ''डेटा प्राप्त करने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि आँकड़ों का कोई मानकीकरण नहीं है और न ही ऐसी कोई संरचना है जिससे इन आँकड़ों की एकरूपता के साथ व्याख्या की जा सके। हमें कृषि के सभी पहलुओं से संबंधित आँकड़ों का भंडार बनाने की ओर ध्यान देना होगा और यह देखना होगा कि इन्हें कैसे डिजिटल रूप दिया जा सकता है।''
डॉ. दलवई ने कहा कि एक मंच बनाया जाना चाहिए, जहाँ विभिन्न तकनीकों को अपलोड किया जाए और यह सभी को उपलब्ध कराया जाए।
लघु किसान कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम के प्रबंध निदेशक नीलकमल दरबारी ने कहा कि कृषि स्टार्टअप की भूमिका फसल कटाई के पहले आती है। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) अभी भी पारंपरिक तरीकों से व्यवसाय करने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 5,000 एफपीओ हैं और वे नवाचार के वाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं।
कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए समर्पित प्रकोष्ठ पर हो रहा विचार: डॉ. अशोक दलवई