जैविक या प्राकृतिक खेती में अपार संभावनाएँ हैं
नयी दिल्ली। कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम की समीक्षा करने की जरूरत है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बुधवार, 6 नवम्बर 2019 को इंडियन चैम्बर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर (आईसीएफए) द्वारा यहाँ राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में कृषि निर्यात पर हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने उद्बोधन में यह विचार व्यक्त किया।
ज्ञात हो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उन जिंसों के उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को विनियमित किया जाता है जिन्हें सरकार उचित मूल्य पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने के लिए 'आवश्यक' घोषित करती है। ऐसी आवश्यक वस्तुओं की सूची में दवायें, उर्वरक, दालें और खाद्य तेल तथा पेट्रोलियम एवं पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।
डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत नियमों की समीक्षा करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ''ये नियम किसानों (कृषि उत्पादकों) के सर पर लटकती तलवार की तरह हैं। किसानों और अर्थव्यवस्था के हित में निश्चित रूप से इन नियमों की समीक्षा की जानी चाहिये।''
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों की एक समिति ने हाल ही में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) में संशोधन का सुझाव दिया था, जिसमें कहा गया था कि इन नियमों को केवल 'अतिरेक' के मामलों में लागू किया जाना चाहिए।
डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि जैविक या प्राकृतिक खेती भारतीय कृषि का उभरता हुआ क्षेत्र है। इस क्षेत्र से निर्यात में काफी वृद्धि हुई है और इसमें विकास की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे योग्यता के आधार पर जैविक या प्राकृतिक खेती का मूल्यांकन करें।
कृषि निर्यात को बढ़ाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम की समीक्षा करने की जरूरत है: उपाध्यक्ष नीति आयोग