श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर को देश का आदर्श विश्वविद्यालय बनाने का आह्वान
जयपुर। कृषि में आधुनिक तकनीक से नवाचार करके किसान अपनी आय बढ़ायें। राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने सोमवार, 11 नवम्बर 2019 को जोबनेर में श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ समारोह में कही।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि में नवाचार करके और आधुनिक तकनीक को अपनाकर किसान अपनी आय को बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा कि खेती के जरिये ही किसान अपने बच्चों को स्वावलम्बी भी बना सकते है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों को किसानों का सहयोगी बनना होगा।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अन्न उत्पादन ही खेती नहीं है। खेती से प्राप्त उपज का मूल्य संवर्धन किया जाकर किसान अपनी आजीविका को बढ़ा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आटा, आलू चिप्स, टमाटर सॉस, बेकरी आदि इस तरह के कई उद्योग धन्धे हैं, जिनका लाभ किसान आसानी से उठा सकते हैं। राज्यपाल ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इन उद्योग धन्धों को किसानों द्वारा नहीं किये जाने से इनका लाभ बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ उठा रही हैं। कृषि वैज्ञानिकों को किसानों को कुटीर उद्योग धन्धों के लिए प्रेरित करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि पानी का कम से कम उपयोग किया जाए और अधिक से अधिक जल का संरक्षण किया जावे। उन्होंने कहा कि इससे भू-जल बढ़ेगा और उपज भी अधिक हो सकेगी। राज्यपाल ने कृषि वैज्ञानिको का आह्वान किया कि वे अनुसंधान करें कि सूखी मिट्टी से उपज कैसे प्राप्त की जा सकती है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने और पशुपालन की दिशा में किसानों को जोडऩे के तरीके भी कृषि वैज्ञानिकों को ढूंढने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को ग्रे वाटर को खेती में उपयोग के लिए शोध करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि में गुणवत्ता पर जोर देना होगा और व्यावहारिक दृष्टिकोण से कार्य करना होगा। उद्यमिता के माध्यम से किसानों के सशक्तिकरण के लिए कृषकों को जागरूक बनाना होगा। कुलाधिपति श्री मिश्र ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को देश का आदर्श विश्वविद्यालय बनायें। विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक, अधिकारी और कर्मचारी मिलजुल कर सकारात्मक मानसिकता और कार्य के प्रति चिन्ता व निरन्तरता बनायेंगे तो निश्चित तौर पर विश्वविद्यालय प्रगति करेगा और देश के सामने उदाहरण बन सकेगा।
इसके पूर्व राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। श्री मिश्र ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित श्री कर्ण नरेन्द्र सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विश्वविद्यालय का भ्रमण किया।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। राज्यपाल ने परिसर में मौलश्री का पौधा भी लगाया। उन्होंने गिर गाय संवर्धन एवं संरक्षण केन्द्र का अवलोकन किया, जहाँ 104 गिर गाय प्रजाति के गौवंश का संधारण किया जा रहा है।
यहाँ उन्होंने गायों को गुड़ व चारा खिलाया। राज्यपाल ने नवनिर्मित सौर उर्जा संयंत्र और 4 करोड़ लीटर जल संचयन क्षमता वाली वर्षा जल संचयन संरचना शुभारम्भ किया। बताया गया कि यहाँ 50 करोड़ लीटर की जल संचयन इकाइयों का विकास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर को ग्रीन कैम्पस बनाने के लिए 45 किलोवाट क्षमता का ग्रिड फोटोवॉल्टिक पावर प्लान्ट को कुलाधिपति श्री मिश्र ने सराहा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का भी अवलोकन किया। इस पुस्तकालय में आरएफआईडी प्रणाली विकसित की गयी है, जहाँ 10 लाख किताबों को डिजिटल मोड पर उपलब्ध कराया गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि शिक्षा के सहायक महानिदेशक एम.के. अग्निहोत्री ने कहा कि से कार्यक्रमों से कृषि वैज्ञानिकों के साथ छात्र-छात्राएं भी किसानों और कृषि की विभिन्न समस्याओं को समझ सकते हैं।
कुलपति प्रोफेसर जीत सिंह संधू ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि विश्वविद्यालय में 40 प्रतिशत छात्राएं अध्ययन कर रही हैं। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कृषि की 169 नई प्रजातियाँ की किस्मों को तैयार किया है।
अनुसंधान निदेशक डॉ. अशोक कुमार गुप्ता ने 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्यमिता विकास एवं किसानों के सशक्तिकरण के लिए जैविक खाद उत्पादन एवं बायोगैस तकनीक जैसे विषय शामिल हैं। समारोह में कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सात प्रगतिशील किसानों को राज्यपाल श्री मिश्र ने प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। कुलाधिपति श्री मिश्र को विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कृषि अनुसंधान की पुस्तिकाएं भेंट की गई।