रीवा-शहडोल संभाग की कृषि आदान की समीक्षा बैठक संपन्न
रीवा। कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा दें। मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने मंगलवार, 5 नवम्बर 2019 को खरीफ 2019 की समीक्षा एवं रबी 2019-20 कार्यक्रम निर्धारण के संबंध में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रीवा-शहडोल संभाग की संभागीय समीक्षा बैठक में यह बात कही।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी, संचालक कृषि, प्रबंध संचालक बीज निगम, आयुक्त सहकारिता, आयुक्त रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव, आयुक्त शहडोल संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव, आयुक्त शहडोल संभाग डॉ. आर.बी. प्रजापति, रीवा शहडोल संभाग के सभी कलेक्टर्स, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित कृषि आदान से जुड़े सभी विभागों के संभागीय और जिला अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने कहा कि खेती में लाभ कमाने के लिए पशुपालन पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों को परम्परागत खेती के स्थान पर फसल विविधीकरण और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करके जैविक खादों का उपयोग करने की सलाह दी जाए।
प्रभांशु कमल ने कहा कि कृषि का क्षेत्रफल और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित किये जायें। इसके लिए किसानों को खेती की नवीनतम तकनीकों एवं पद्धतियों का उपयोग करने की सलाह दी जाए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जिला स्तर पर रणनीति बनाकर कम क्षेत्रफल में अधिक फसल उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करें।
उन्होंने खरीफ सत्र 2019 की फसलों के क्षेत्राच्छादन एवं उत्पादकता और रबी सत्र 2019-20 की फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादकता, लक्ष्य और पूर्ति की समीक्षा की।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों को उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को बीज प्रतिस्थापन दर बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अमानक बीज के नमूनों पर रीवा-शहडोल संभाग में अन्य संभागों की अपेक्षा एफआईआर दर्ज नहीं हुई हैं। अत: अमानक बीज के नमूनों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने इस लापरवाही पर जिला कलेक्टरों को उप संचालक कृषि की वेतनवृद्धि रोकने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने रबी फसलों के लिए यूरिया, डीएपी, पोटाश, एसएसपी एवं कॉम्पलेक्स उर्वरकों का भण्डारण पर्याप्त मात्रा में करने के निर्देश दिए। उन्होंने डी.बी.टी. ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल की समीक्षा की।
उन्होंने सतना एवं उमरिया की प्रगति ठीक नहीं होने पर संबंधित उप संचालक कृषि पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए 20 नवम्बर तक प्रगति अच्छी करने के निर्देश दिए।
बैठक के दूसरे सत्र में उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन विभाग की समीक्षा करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि के साथ-साथ सम्बद्ध विभागों की गतिविधियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों का क्षेत्र विस्तार के लिए प्रयास तेज किये जायें।
उन्होंने रीवा जिले व शहडोल संभाग में उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल कम होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने फल, सब्जी, मसाला, क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में प्रगति ठीक नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने फल, सब्जी, मसाला, पुष्प एवं औषधीय फसलों के उत्पादन में वृद्धि करने के निर्देश दिए। संरक्षित खेती मल्चिंग का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना का लक्ष्य पूरा करने एवं पशु औषधालयों में सुधार लाने के भी निर्देश दिए।
कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा दें: कृषि उत्पादन आयुक्त