व्यापार समझौता वार्ता के दौरान सबसे पहले देश पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा
भारत के आर्थिक हित और राष्ट्रीय प्राथमिकताएं सबसे पहले
किसानों, डेयरी क्षेत्र, एमएसएमई और घरेलू विनिर्माण की चिंताओं का समाधान किया जाएगा और इन क्षेत्रों की सुरक्षा की जाएगी
भारत अपने बाजारों को अन्य देशों की वस्तुओं के लिए डंपिंग ग्राउंड बनने की अनुमति नहीं देगा
भारत अमेरिका, यूरोपीय संघ के साथ व्यापार अनुबंधों का पता लगा रहा है
नयी दिल्ली। भारत किसी भी व्यापार अनुबंध को जल्दबाजी में अंतिम रूप नहीं देगा। केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग को यह आश्वासन दिया।
मंगलवार, 5 नवम्बर 2019 को नयी दिल्ली में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के बारे में भारत द्वारा लिए गए निर्णय के संबंध में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यापार समझौता वार्ता के दौरान सबसे पहले देश पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। भारत किसी भी व्यापार अनुबंध को जल्दबाजी में अंतिम रूप नहीं देगा।
उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक हित और राष्ट्रीय प्राथमिकताएं सबसे पहले आती हैं। किसानों, डेयरी क्षेत्र, एमएसएमई और घरेलू विनिर्माण की चिंताओं का समाधान किया जाएगा और इन क्षेत्रों की सुरक्षा की जाएगी। पीयूष गोयल ने कहा कि आरसीईपी में सात वर्ष लम्बी वार्ताओं के दौरान भारत लगातार व्यापार घाटा को नियंत्रित करने, अनुचित आयात के सापेक्ष, मजबूत संरक्षण और भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए बेहतर बाजार अवसरों के बारे में अपनी माँगों के लिए अपने रुख पर मजबूती से खड़ा है। भारतीय बाजार की शुरूआत ऐसे क्षेत्रों के अनुरूप होनी चाहिए, जहाँ हमारे व्यापार में लाभ हो सके। भारत अपने बाजारों को अन्य देशों की वस्तुओं के लिए डंपिंग ग्राउंड बनने की अनुमति नहीं देगा।
प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान में भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार अनुबंधों का पता लगा रहा है। इन देशों में भारतीय उद्योग और सेवाएं प्रतिस्पर्धी होंगी और बड़े विकसित बाजारों में पहुँच से भारत को लाभ भी अर्जित होगा।
कोई भी व्यापार अनुबंध जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा: पीयूष गोयल