किसानों की आय को दोगुनी करने में जर्मनी दे सकता है सहयोग: जूलिया क्लोकनर

The Union Minister for Agriculture & Farmers Welfare, Rural Development and Panchayati Raj, Shri Narendra Singh Tomar and the German Agriculture Minister, Ms. Julia Klockner signing an MoU, at a bilateral meeting, in New Delhi on November 01, 2019
भारत की प्राथमिकता उत्पादन के बजाय किसान केंद्रित हो गयी है: नरेन्द्र सिंह तोमर
नरेन्द्र सिंह तोमर ने जर्मनी की खाद्य और कृषि मंत्री सुश्री जूलिया क्लोकनर के साथ बैठक की
दोनों मंत्रियों ने कृषि बाजार विकास सहयोग के संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये
नयी दिल्ली। किसानों की आय को दोगुनी करने में जर्मनी सहयोग दे सकता है। जर्मनी की खाद्य एवं कृषि मंत्री सुश्री जूलिया क्लोकनर ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ शुक्रवार, 1 नवम्बर 2019 को हुई बैठक में इस बात की मदद पेश की। दोनों मंत्रियों ने भारत और जर्मनी के बीच कृषि बाजार विकास सहयोग से संबंधित संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये।
बैठक के दौरान श्री तोमर ने कहा कि भारत की प्राथमिकता उत्पादन के बजाय किसान केंद्रित हो गयी है। साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने, प्रतिस्पर्धी बाजार बनाने तथा कृषि के लिए मूल्य शृंखला को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि निर्यात नीति 2018 के अंतर्गत कृषि निर्यात को साल 2022 तक दोगुनी कर 60 बिलियन डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सुश्री जूलिया क्लोकनर ने कहा कि जर्मनी के पास मशीनीकरण और फसल कटाई के बाद प्रबंधन की विशेषज्ञता है। किसानों की आय दोगुनी करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


The Union Minister for Agriculture & Farmers Welfare, Rural Development and Panchayati Raj, Shri Narendra Singh Tomar and the German Agriculture Minister, Ms. Julia Klockner signing an MoU, at a bilateral meeting, in New Delhi on November 01, 2019.
दोनों मंत्रियों ने कहा कि जर्मनी और भारत के लिए कृषि प्राथमिकता का क्षेत्र है। इसके माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य-2 (भूखमरी मिटाना और कृषि उत्पादन को दोगुना करना) को हासिल किया जा सकता है। सतत् विकास लक्ष्य-2, अन्य 16 एसडीजी को प्रभावित करता है। दोनों मंत्रियों ने मशीनीकरण, फसल कटाई के बाद प्रबंधन, आपूर्ति शृंखला, बाजार तक पहुँच, निर्यात, खाद्य सुरक्षा, प्रयोगशालाओं की स्थापना में सहयोग खाद्य जाँच कार्यशाला आदि विषयों पर भी विचार विमर्श किये।    
दोनों मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में तकनीकी और पेशेवर प्रशिक्षण के लिये राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (एमएएनएजीई) तथा जर्मन एग्रीकल्चर एकेडमी (डीईयूएलए)-निएनबर्ग  के बीच सहमति पत्र पर हुए हस्ताक्षर पर प्रसन्नता व्यक्त की।
सुश्री क्लोकनर कार्याकारी समूह की बैठक 2008 से जारी रहने से भी प्रभावित हुई। कार्यकारी समूह की बैठकों में खाद्य सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण जैसे विषयों पर विचार विमर्श किया जाता है।