केन्द्र सरकार किसानों के हितों को पूरी तरह से संरक्षित करने के लिये प्रतिबद्ध है: परषोत्तम रूपाला

Parshottam Rupala Union State Minister for Agriculture and Farmer Welfare Government of India
बीज और कीटनाशक विधेयक में किसानों को अमानक बीज और कीटनाशक बेचने तथा उनकी फसल बर्बाद होने की स्थिति से बचाने के लिए किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा बीज और कीटनाशक विधेयक
कृषक उत्पादक संगठन का गठन करें किसान
जैविक खेती की ओर मजबूती से कदम बढ़ायें किसान
नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार किसानों के हितों को पूरी तरह से संरक्षित करने के लिये प्रतिबद्ध है। केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री परुषोत्तम रूपाला ने मंगलवार, 12 नवम्बर 2019 को यहाँ भारतीय कृषक समाज द्वारा आयोजित 'बीज एवं कीटनाशक विधेयक' विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में यह बात कही।
परषोत्तम रूपाला ने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले बीज एवं कीटनाशक विधेयक में सरकार किसान हितों को पूरी तरह से संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ''सरकार किसान हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। देश की खाद्य सुरक्षा उत्तम किस्म के बीज पर ही निर्भर है। हमारा प्रयास होगा कि किसानों को उच्चतम कोटि के बीज और कीटनाशक मिलें और इसके लिए लाये जा रहे विधेयक में किसान हितों को प्राथमिकता दी जायेगी।'' उन्होंने कहा कि बीज और कीटनाशक से संबंधित विधेयक में किसानों को अमानक बीज और कीटनाशक बेचने तथा उसकी फसल बर्बाद होने की स्थिति से बचाने के लिए किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान भी किया जायेगा।
उन्होंने कहा, ''किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या छोटे-छोटे खेत हैं जिससे किसान लाभान्वित नहीं होते न ही वे आधुनिक मशीनों के उपयोग का खर्च उठा पाते हैं।'' उन्होंने कृषि जोत का आकार बढ़ाने के लिए इजराईल की तरह यहाँ भी किसानों को 100-50 की संख्या में एकजुट होकर खेती भूमि का आकार बढ़ाने तथा आधुनिक मशीनों के उपयोग कर लाभप्रद खेती के लिए किसानों को कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने के बारे में विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार एफपीओ बनाने के लिए धन उपलब्ध कराने के साथ आयकर में छूट भी दे रही है।''
उन्होंने किसानों को जैविक उत्पादों की देश विदेश में बढ़ती माँग को ध्यान में रखकर जैविक खेती की ओर मजबूती से कदम बढ़ाने की अपील की और इस दिशा में सिक्किम के उत्साहजनक सफलता का हवाला दिया। 
भारतीय कृषक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णबीर चौधरी ने कहा आगामी विधेयक में किसान की परिभाषा को न बदला जाये ताकि कोई कंपनी या व्यक्ति किसान खेत किराये पर लेकर किसानों को मिलने वाले नाजायज लाभ को न उठा सकें। साथ ही इस क्षेत्र के विनियमन के लिए 'राष्ट्रीय बीज कीमत नियामक प्राधिकार' का गठन किया जाये जिसमें किसानों ओर से कम से कम एक महिला प्रतिनिधि मिलाकर कुल चार प्रतिनिधियों को रखा जाये। खेती नाकाम रहने पर बीज कंपनियों को किसानों को मुआवजा देने का प्रावधान किया जाना चाहिये।
बैठक को राज्यसभा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर ने बैंकाक में आसियान देशों के साथ हाल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक समझौता (आरसीईपी) पर हस्ताक्षर नहीं करने और किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए उनकी प्रशंसा की।