कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा कर रही है केन्द्र सरकार: पीयूष गोयल

Piyush Goel Cabinet Minister for Commerce, Industry and Rail addressing to media on 5 November 2019 in New Delhi regarding RCEP
कांग्रेस के फैसले की वजह से आरसीईपी समूह के साथ व्यापार घाटा 2004 में 7 अरब डॉलर से बढ़कर 2014 में 78 अरब डॉलर पहुँचा
नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार, कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार, 5 नवम्बर 2019 को यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मौजूदा मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा करना जरूरी हो गया है। उन्होंने अफसोस जताया कि कांग्रेस ने जापान, कोरिया और आसियान के सदस्य देशों के साथ जल्दबाजी में ये समझौते किये थे। उन्होंने कहा कि जापान, कोरिया और आसियान के साथ मुक्त व्यापार अनुबंधों की समीक्षा की जा रही है तथा कोई भी व्यापार अनुबंध जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा इन समझौतों में भारत को उन उत्पादों के लिये बाजार पहुँच नहीं मिली, जहाँ उसे प्रतिस्पर्धी लाभ था। प्रधानमंत्री द्वारा इन मुद्दों को उठाये जाने के बाद आसियान समीक्षा के लिये अब तैयार है। कोरिया भी तैयार है। हमने भी शुरू किया है। जापान भी इसके लिये तैयार है।
पीयूष गोयल ने बताया कि जापान, कोरिया और आसियान देशों के साथ मुक्त व्यापार अनुबंधों (एफटीए) की समीक्षा की जा रही है। दक्षिण कोरिया के साथ एफटीए, जो तीन साल पहले शुरू हुआ था उसकी तेजी से समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत ने एफटीए की समीक्षा के लिए पहले ही आसियान से अनुबंध किया है और जापान एफटीए के संबंध में मुद्दों को निपटाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) विचार-विमर्श कर रहा है।
पीयूष गोयल ने केन्द्र सरकार की आलोचना को लेकर कांग्रेस पार्टी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस-यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत ने 2007 में भारत-चीन एफटीए की संभावना तलाशने और 2011-12 में चीन के साथ आरसीईपी वार्ताओं में शामिल होने की सहमति दी थी। संप्रग के दौरान लिए गए इन फैसलों की वजह से आरसीईपी के देशों के साथ भारत का व्यापार घाटा जो 2004 में 7 अरब डॉलर था वह 2014 में बढ़कर 78 अरब डॉलर पर पहुँच गया। उस समय हुए इन फैसलों से भारतीय घरेलू उद्योग अभी तक प्रभावित हैं।
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि मोदी सरकार देश के हितों की रक्षा करने तथा भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का रास्ता साफ करने के लिये संप्रग सरकार द्वारा दक्षिण कोरिया तथा आसियान के सदस्य देशों के साथ किये गये मुक्त व्यापार समझौतों की भी समीक्षा कर रही है।