जो बैंकों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, उन्हें नौकरी से बाहर करें: सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह

Govind Singh Cabinet minister for Cooperative addressing to Bhopal and Narmadapuram Division meeting on Wednusday, November 6, 2019 in Apex Bank, Bhopal
भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के जिला सहकारी बैंकों के काम-काज की समीक्षा की
बैंकों को नुकसान पहुँचाने वालों को बाहर करें, अच्छों को पदोन्नत करें
आगामी एक वर्ष में अधिक से अधिक कालातीत ऋणों की वसूली सुनिश्चित की जाए
ऋण वसूली की मासिक योजना बनाकर सघन कार्रवाई की जाए
वित्तीय अनियमितताओं के प्रकरणों की वसूली तथा एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करें
भोपाल। सहकारिता आंदोलन में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान है। सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने बुधवार, 6 नवम्बर 2019 को यहाँ अपैक्स बैंक के सभागार में भोपाल एवं नर्मदापुरम संभागों के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह बात कही।
बैठक में बैठक में अपैक्स बैंक के प्रशासक अशोक सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी, सहकारिता आयुक्त एम.के. अग्रवाल, प्रबंध संचालक अपैक्स बैंक प्रदीप नीखरा, अपर आयुक्त सहकारिता आर.सी. घिया सहित दोनों संभागों के जिला सहकारी बैंकों के प्रशासक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी तथा सभी संबंधित उपस्थित थे।
डॉ. सिंह ने सहकारिता आंदोलन में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान है। गत वर्षों में इनकी वित्तीय स्थिति काफी बिगड़ी है। अत: आवश्यक है कि इनकी वित्तीय स्थिति को सुधारा जाए।
उन्होंने कहा कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के जो अधिकारी-कर्मचारी बैंकों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, उन्हें नौकरी से बाहर करें तथा जो अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें पदोन्नत करें। वित्तीय गड़बड़ी करने वालों से राशि की वसूली जाए, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाए। खाली पड़े पदों पर आयुक्त सहकारिता से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त कर नियमानुसार शीघ्र ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निरंतर संभागीय बैठकें आयोजित कर इनके कार्य की समीक्षा करें। आयुक्त सहकारिता एम.के. अग्रवाल ने बताया कि सागर एवं जबलपुर संभाग को छोड़कर सभी बैठकें की जा चुकी हैं तथा भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी ने बताया कि सहकारी बैंक मुख्य रूप से किसानों को अल्प अवधि कृषि ऋण देने का कार्य करते हैं। उन्होंने दिए गए ऋणों की समय से वसूली किए जाने की आवश्यकता बताई। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जिलेवार समीक्षा में पाया गया कि सभी बैंकों द्वारा दिए गए कालातीत ऋणों की राशि अत्यधिक है। बैंकों के स्तर पर ऋणों की वसूली के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिए कि आगामी एक वर्ष में अधिक से अधिक कालातीत ऋणों की वसूली सुनिश्चित की जाए।


Govind Singh Cabinet minister for Cooperative addressing to Bhopal and Narmadapuram Division meeting on Wednusday, November 6, 2019 in Apex Bank, Bhopal
सहकारी बैंकों की जिलेवार समीक्षा में पाया गया कि भोपाल में संस्थागत जमा तो हैं, परन्तु व्यक्तिगत जमा नहीं के बराबर हैं। इसके लिए प्रयास किया जाए। साथ ही कालातीत ऋणों की वसूली की जाए।
बैतूल जिले में कालातीत ऋण की राशि रुपये 143 करोड़ है। आगामी 30 जून तक 100 करोड़ रुपये की वसूली कर ली जाए। रायसेन जिले में कालातीत ऋण राशि 148 करोड़ है, वहाँ के अधिकारी ने बताया कि आगामी जून तक 45 करोड़ की वसूली कर ली जाएगी। राजगढ़ जिले की समीक्षा में पाया गया कि ऋण असंतुलन तथा वित्तीय अनियमितता के प्रकरणों के चलते सहकारी बैंक की हालत खराब है। वहाँ 183 करोड़ रुपये का कालातीत ऋण है। आगामी जून तक कम से कम 75 करोड़ ऋण राशि की वसूली कर ली जाए। विदिशा जिले में 45 करोड़ कालातीत ऋण शेष है, आगामी जून तक वसूली की जाए। वित्तीय अनियमितताओं के प्रकरणों की वसूली तथा एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह द्वारा दिए गए।
समीक्षा में होशंगाबाद जिले की स्थिति भी काफी खराब पाई गई, वहाँ 292 करोड़ का कालातीत ऋण शेष है, जिसमें अधिकांश गैर-कृषि ऋण हैं। कई कर्मचारियों के खिलाफ मामले भी चल रहे हैं। कई प्रकरणों में संबंधित सहायक/ उप पंजीयक द्वारा स्थगन भी दे दिया गया है। इसे मंत्री श्री सिंह द्वारा गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए गए कि ऐसे सहायक/ उप पंजीयकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी वेतन वृद्धियाँ रोकी जाएं। 
सीहोर जिले की समीक्षा में पाया गया कि वहाँ जिला सहकारी बैंक का वर्ष 2016-17 में कालातीत ऋण 38 करोड़ था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 280 करोड़ रुपये हो गया। ऋण वसूली को लेकर बैंक द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए।
इस पर सहकारिता मंत्री द्वारा नाराजी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधारी गई तो बोर्ड भंग करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि ऋण वसूली की मासिक योजना बनाकर सघन कार्रवाई की जाए। जो लोग कार्य करना नहीं चाहते वे बैंकों से बाहर जाने की तैयारी कर लें।
जिला              कालातीत कर्ज           30 जून तक वसूली लक्ष्य
होशंगाबाद       292 करोड़ रुपये
सीहोर             280 करोड़ रुपये
राजगढ़           183 करोड़ रुपये              75 करोड़ रुपये
रायसेन            148 करोड़ रुपये              45 करोड़ रुपये
बैतूल              143 करोड़ रुपये             100 करोड़ रुपये