जल संकट किसी एक देश का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुद्दा है: गजेन्द्र सिंह शेखावत

The Union Minister for Jal Shakti, Shri Gajendra Singh Shekhawat, the Minister of State for Jal Shakti and Social Justice & Empowerment, Shri Rattan Lal Kataria, the Australian High Commissioner to India, Ms. Iven Mackay and the Secretary, Department of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Shri U.P. Singh in a group photograph after signing of an MoU between Central Ground Water Board and MARVI Partners of Australia, in New Delhi on November 22, 2019.
जलदूत संवर्ग विचाराधीन: रतन लाल कटारिया
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने भूजल की भरपाई में प्रशिक्षण, शिक्षा और अनुसंधान के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए
नयी दिल्ली। जल संकट किसी एक देश का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुद्दा है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यहाँ शुक्रवार, 22 नवम्बर 2019 को यह बात कही।
उन्होंने कहा, 'हमारी 65 प्रतिशत निर्भरता भूजल पर है और इसमें बढ़ोतरी होती जा रही है। भावी पीढिय़ाँ इससे प्रभावित होंगी, इसलिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है।'
केंद्रीय भूजल बोर्ड ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में ऑस्ट्रेलिया के 'मारवी' (मैनेज एक्वीफर रीचार्ज एंड सस्टेनिंग ग्राउंडवॉटर यूज थ्रू विलेज-लेवल इंटरवेंशन) के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केन्द्रीय जल शक्ति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव यू.पी. सिंह, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री डैन टेहन और भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री इवेन मैके उपस्थित थीं।
श्री कटारिया ने कहा कि सरकार 'जलदूत' संवर्ग बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, 'भूजल का दोहन सबसे अधिक होता है, क्योंकि वह सस्ता और सुगम्य है।'
इस अवसर पर यू.पी. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल संकट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'उन्होंने मन की बात में इस मुद्दे को उठाया था और अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में भी इस मुद्दे को रेखांकित किया था।'