इटली को आवश्यक सभी कृषि जिंस व खाद्य वस्तुएँ निर्यात करने में भारत सक्षम: नरेन्द्र सिंह तोमर

Narendra Singh Tomar Union minister for Agriculture and Farmer Welfare Government of India in Rome, Itly on Tuesday, November 12, 2019
छोटे किसानों के लिए कृषि मशीनों के निर्माण में इटली से तकनीकी सहयोग कर सकता है भारत
नयी दिल्ली। इटली को आवश्यक सभी कृषि जिंस व खाद्य वस्तुएँ निर्यात करने में भारत सक्षम हैं। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इटली की राजधानी रोम में इटली की कृषि मंत्री सुश्री टेरेसा बेलनवा के साथ मंगलवार, 12 नवम्बर 2019 को हुई द्विपक्षीय बैठक में यह बात कही।
बैठक में दोनों देशों के मध्य कृषि के क्षेत्र में संबंधों को विस्तारित एवं सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। द्विपक्षीय बैठक के दौरान कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि इटली विश्व के अन्य देशों से कृषि जिंसों जैसे ताजे आलुओं, ताजे व शुष्क केलों, ताजी इमलियों, मक्का, सोयाबीन और विनिॢमत तंबाकू का आयात करता है। भारत के पास भी इन सभी जिंसों को निर्यात करने की क्षमता मौजूद है। श्री तोमर ने इटली की कृषि मंत्री से आग्रह किया कि वे भारत से इन जिंसों का आयात करने संबंधी संभावना पर विचार करें।
कृषि मंत्री ने कहा कि इटली यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण सदस्य होने के नाते यूरोपीय खाद्य सुरक्षा अभिकरण (ईएफएसए) के साथ बासमती चावल के प्रमाणीकरण में फफूँदनाशक ट्राईसाईक्लाजोल के सम्बन्ध में भारत का पक्ष रख सकता है, जिससे एमआरएल से संबंधित मामले को शीघ्रता से निपटाया जा सके जिसके फलस्वरूप भारत द्वारा यूरोपीय संघ को किए जाने वाले निर्यात में तेजी आ सके।
श्री तोमर ने कहा कि भारत और इटली कृषि मशीनों के क्षेत्र में परस्पर आधार पर सहयोग कर रहे हैं। इटली आधुनिक कृषि मशीनों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। भारत भी इटली से सीख सकता है कि छोटे किसानों के लिए कृषि मशीनें किस प्रकार बनाई जाएं। इसके लिए दोनों देशों के बीच तकनीकी गठबंधन किया जा सकता है।
श्री तोमर ने बताया कि 6 दिसम्बर, 2017 को नई दिल्ली में कृषि और पादप स्वच्छता संबंधी मामलों में सहयोग के लिए भारत और इटली के बीच एक नए समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच और बेहतर मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने इटली की कृषि मंत्री को बताया कि भारत सरकार ने उत्पादन और उत्पादकता की बजाय किसानों कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया है। देश के समस्त कामगारों का एक तिहाई हिस्सा कृषि क्षेत्र पर निर्भर करता है, इसके मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने का संकल्प लिया है। इसकी पूर्ति हेतु 7 सूत्रीय कार्य नीति अपनाई गयी है, जिसमें फसल उत्पादकता में सुधार, पशु धन उत्पादकता में सुधार, संसाधनों का कौशलपूर्ण उपयोग, फसलन सघनता में वृद्धि, अधिक कीमतों वाली फसलों की ओर उन्मुखता, किसानों और गैर कृषि-व्यवसायियों को बेहतर लाभ पहुँचाना शामिल हैं।