नयी दिल्ली। फसल वर्ष 2019-20 के मौजूदा रबी सत्र (जाड़े की फसल) में पिछले सप्ताह तक गेहूँ बुवाई का क्षेत्रफल 37 प्रतिशत घटकर 9.69 लाख हेक्टेयर रह गया लेकिन समीक्षाधीन अवधि के दौरान तिलहन बुवाई का क्षेत्रफल बढ़ गया। कृषि मंत्रालय के द्वारा सोमवार, 11 नवम्बर 2019 को यह जानकारी दी। गेहूँ और अन्य रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है, जबकि अप्रैल से कटाई का काम होता है। गेहूँ मुख्य रबी फसल है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, किसानों ने चालू सत्र में पिछले सप्ताह तक 9.69 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूँ बोया है, जबकि एक साल पहले यह क्षेत्रफल 15.35 लाख हेक्टेयर था। चालू सत्र के आखिरी सप्ताह तक मध्य प्रदेश में गेहूँ खेती का क्षेत्रफल 74,000 हेक्टेयर ही है जो क्षेत्रफल साल भर पहले की समान अवधि में यह 6 लाख हेक्टेयर था। पंजाब में, किसानों ने एक साल पहले 4.68 लाख हेक्टेयर में गेहूँ बोया था जो क्षेत्रफल इस बार 4.20 लाख हेक्टेयर रहा जबकि हरियाणा में इसकी फसल की खेती का क्षेत्रफल 1.16 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.19 लाख हेक्टेयर रहा था। हालांकि, उत्तर प्रदेश में गेहूँ की रोपाई चालू सत्र में गत सप्ताह तक बढ़कर 1.73 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई जो साल भर पहले की इसी अवधि में 94,000 हेक्टेयर ही था।
कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि गेहूँ खेती का क्षेत्रफल कम होने की वजह वर्ष 2019 के खरीफ फसल की देर से हुई कटाई है जिसके कारण कुछ क्षेत्र में, विशेषकर मध्य प्रदेश में बुवाई में देरी हुई है। फसल अवशेष या फसल की ठूंठ जलाने पर लगे प्रतिबंधों के कारण भी खेत की जमीन तैयार करने में देरी हुई।
अन्य रबी फसलों में, पिछले सप्ताह तक दलहनी फसलों का क्षेत्रफल भी कम यानी 27.85 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि साल भर पहले की इसी अवधि में यह क्षेत्रफल 39.93 लाख हेक्टेयर था। उक्त अवधि में मोटे अनाज की बुवाई का क्षेत्रफल कम यानी 12.39 लाख हेक्टेयर रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 13.54 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, चालू रबी सत्र में बज सप्ताह तक 41.24 लाख हेक्टेयर में अधिक क्षेत्रफल में तिलहन का रोपण किया गया, जबकि एक साल पहले यह क्षेत्रफल 39.65 लाख हेक्टेयर था।
उक्त अवधि में धान रोपण का क्षेत्रफल पिछले वर्ष के 5.77 लाख हेक्टेयर के स्तर के समान रहा। चालू रबी सत्र में गत सप्ताह तक सभी रबी फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 15 प्रतिशत घटकर 95.35 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 112.24 लाख हेक्टेयर था।
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून अच्छा रहने और जलाशयों के भरे होने के कारण मिट्टी की नमी बेहतर होने से रबी बुवाई की बेहतर संभावनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, ''97 जलाशयों में पानी का स्तर 80 प्रतिशत से अधिक है। यह सुनिश्चित करेगा कि इस साल हमारे पास अच्छी रबी फसल हो।'' उन्होंने यह भी कहा कि रबी फसलें अधिकतर सिंचित क्षेत्र में उगाई जाती हैं। इस रबी सत्र में मक्का और सरसों का क्षेत्रफल अधिक होने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के लिए रिकॉर्ड 29.11 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें खरीफ (गर्मी) के मौसम में 14.79 करोड़ टन और रबी (सर्दियों) के मौसम में 14.32 करोड़ टन का उत्पादन का अनुमान शामिल है।
गेहूँ की बुवाई अब तक 37 प्रतिशत कम, तिलहन की बढ़ी