नई दिल्ली। पंजाब और मध्य प्रदेश में क्षेत्रफल काफी कम रहने की वजह से पिछले सत्र के मुकाबले चालू रबी सत्र के दौरान गेहूँ की बुआई अब तक 23 प्रतिशत तक पीछे है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुक्रवार, 15 नवम्बर 2019 को जारी किए गए आँकड़ों से यह जानकारी मिली है। अक्टूबर में शुरू होने वाले रबी सत्र के दौरान अधिकांश रबी फसलों के क्षेत्रफल में कमी आई है। आँकड़े बताते हैं कि इस सत्र में अब तक 32.98 लाख हेक्टेयर में रबी की मुख्य फसल गेहूँ की बुआई की गई है, जबकि एक साल पहले इस अवधि के दौरान 42.80 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई थी।
गेहूँ के कुल क्षेत्रफल में इसलिए कमी आई है क्योंकि मौजूदा रबी सत्र के दौरान अब तक पंजाब में इस फसल की बुआई केवल 7.81 लाख हेक्टेयर में हो पाई है, जबकि पिछले सत्र के दौरान 14.68 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई थी। मध्य प्रदेश में किसानों ने इस साल अब तक 5.34 लाख हेक्टेयर में गेहूँ की बुआई की है, जबकि पिछले साल 9.20 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
जहाँ तक अन्य रबी फसलों की बात है तो दलहन के अंतर्गत भी क्षेत्रफल कम रहा है। पिछले साल के 54.20 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल क्षेत्रफल 45.60 लाख हेक्टेयर रहा है, जबकि तिलहन का क्षेत्रफल 46.12 लाख हेक्टेयर है जो एक साल पहले की इस अवधि में 47.36 लाख हेक्टेयर था। इस सत्र में अब तक 6.27 लाख हेक्टेयर में चावल की बुआई हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इस अवधि में क्षेत्रफल 6.51 लाख हेक्टेयर था। इस अवधि के दौरान 46.12 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुआई हुई है। पिछले साल क्षेत्रफल 47.36 लाख हेक्टेयर था। इस सत्र में अब तक रबी फसल का कुल क्षेत्रफल 148.23 लाख हेक्टेयर रहा है, जबकि पिछले साल इस अवधि में क्षेत्रफल 167.68 लाख हेक्टेयर था।
गेहूँ का क्षेत्रफल 23 प्रतिशत तक घटा: केन्द्रीय कृषि मंत्रालय