देश के चार करोड़ किसानों को मौसम के साप्ताहिक पूर्वानुमान की जानकारी दे रहा है मौसम विभाग

Farmer using cell phone or mobile phone in corn field agriculture technology


देश के 115 आकांक्षी जिलों में 'ग्रामीण कृषि मौसम सेवा' शुरु
व्हाट्स एप पर किसानों को बतायेगा फसल को कब कितना खाद पानी दें
नयी दिल्ली। मौसम विभाग देश के चार करोड़ किसानों को मौसम के साप्ताहिक पूर्वानुमान की जानकारी दे रहा है। कृषि मौसम विज्ञान इकाई के प्रमुख वैज्ञानिक रंजीत सिंह ने रविवार, 10 नवम्बर 2019 को दी।
उन्होंने बताया कि विभाग अभी किसानों को मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिये सिर्फ उनके क्षेत्र में अगले चार पाँच दिनों में हवा की गति, संभावित बारिश की मात्रा और ओलावृष्टि जैसी जरूरी जानकारियाँ दे रहा है। इस सेवा से देश के लगभग चार करोड़ किसानों को जोड़ा जा चुका है।
रंजीत सिंह ने बताया कि मौसम विभाग अब देश भर के किसानों को मौसम के साप्ताहिक पूर्वामुमान के आधार पर व्हाट्स एप के जरिये यह भी बतायेगा कि किस फसल को कब कितना खाद पानी देना है।
उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की कृषि मौसम विज्ञान इकाई ने जिला और विकासखण्ड स्तर पर देश के सभी 633 जिलों में किसानों के लिये 'ग्रामीण कृषि मौसम सेवा' शुरु करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। डॉ. सिंह ने बताया कि योजना के पहले चरण में देश के 115 आकांक्षी जिलों में यह सेवा शुरु कर दी गयी है।
इसके तहत मौसम विभाग के सामंजस्य से सभी जिलों में संचालित किसान विकास केन्द्रों में मौसम और कृषि क्षेत्र के दो विशेषज्ञों को तैनात किया जा रहा है। ये केन्द्र सभी जिलों में विकासखण्ड और गाँव के स्तर पर किसानों के व्हाट्स एप ग्रुप बना कर सप्ताह में दो दिन (मंगलवार और शुक्रवार) को स्थानीय स्तर पर मौसम की जानकारी के साथ मौसम की उक्त परिस्थितियों में किस फसल को कितना खाद पानी देना है, यह भी बताएंगे। 
उन्होंने बताया कि व्हाट्सएप पर किसानों को बारिश की मात्रा, हवाओं के रुख, आद्रता और तापमान सहित मौसम के अन्य पहलुओं के पूर्वानुमान के आधार पर फसलों की बुआई, सिंचाई और कटाई सहित अन्य अहम सुझाव दिये जायेंगे।
डॉ. सिंह ने बताया कि इस सेवा के लिये विभाग, अत्याधुनिक एग्रोमेट सॉफ्टवेयर की मदद लेगा। इसके द्वारा जिला स्तर पर कृषि मौसम बुलेटिन भेजा जायेगा। इस बुलेटिन को विकासखण्ड और गाँव के स्तर पर बनाये गये किसानों के व्हाट्स एप ग्रुप पर भेज दिया जायेगा। इस सेवा के तहत किसान कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान भी विशेषज्ञों से व्हाट्स एप ग्रुप पर प्राप्त कर सकेंगे।