दत्तोपंत ठेंगडी समरसता के समर्थक रहे: सुमित्रा महाजन
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे ठेंगड़ीजी: वृजेश उपाध्याय
नागपुर। दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचारों को समाज के बीच लेकर जाएं। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार, 10 नवम्बर 2019 को महर्षि व्यास सभागृह, रेशिमबाग, नागपुर में दत्तोपंत ठेगड़ी जनशताब्दी समारोह के शुभारंभ अवसर पर यह उद्गार व्यक्त किए।
सरसंघचालक श्री भागवत ने कहा कि दत्तोपंत ठेगड़ी संघ परिवार के ऐसे चर्चित व्यक्ति थे जिनमें चिंतक, उत्कृष्ट व्यक्तित्व और बेहतर संगठक के गुण थे। समाज के हर क्षेत्र में उनका समान नेतृत्व था। उनके सम्पर्क में जो भी रहा, उसे कुछ न कुछ सीखने को ही मिला। उन्हें स्नेह, करुणा और नेतृत्व के गुण अपने परिवार से ही मिले। इतनी प्रतिभाओं के बावजूद, आयु व दायित्व में बड़ा होने पर भी दत्तोपंत ठेंगड़ी अपनों के लिये आलौकिक न होकर लौकिक रहे। असाधारण होते हुए भी साधारण रहे। वह लोगों के बीच उन जैसा ही बनकर पहुँचे।
श्री भागवत ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी जैसे व्यक्तित्व का जन्म शताब्दी वर्ष मनाने का आशय सिर्फ उनके प्रति कृतज्ञता जताना नहीं है। बल्कि इस आयोजन के माध्यम से उनके विचारों को समाज के बीच, लोगों के बीच लेकर जाना है। मूल्यों का ध्यान रखते हुये, उन पर कायम रहते हुये परिवर्तन करना है।
सरसंघचालक श्री भागवत ने कहा कि एक महान व्यक्ति के विचारों को समाज तक लेकर जाना इतना आसान नहीं है। समाज इसे पूर्ण विश्वास के साथ ग्रहण करे, इसके लिए जरूरी है कि पहले हम ही उन विचारों को आत्मसात करें। उनकी बताई दिशा में चलकर ही उनके विचारों की सत्यता साबित कर सकते हैं।
दत्तोपंत ठेंगडी समरसता के समर्थक रहे: सुमित्रा महाजन
श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी समारोह आयोजन समिति की अध्यक्ष पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमति सुमित्रा महाजन ने कहा कि ठेंगड़ी जी अपने आप में एक संगठन थे। एक बड़ी शख्सियत होने के बावजूद वह खुद को सिर्फ एक स्वयंसेवक ही मानते थे। वह हमेशा कार्यकर्ताओं को संदेश देते थे कि संगठन का काम, ईश्वरीय कार्य है जिसे अनुशासित होकर करना है। सुमित्रा महाजन ने दत्तोपंत ठेंगड़ी को समरसता का समर्थक बताते हुए कहा कि उनके विचार में हिंदुत्व के विचारों का श्रेष्ठ रसायन 'समरसता' है। उनकी सोच दूरगामी थी, वे वाकई राष्ट्र ऋषि थे।
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे ठेंगड़ीजी: वृजेश उपाध्याय
श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्म शताब्दी समारोह आयोजन समिति के सचिव वृजेश उपाध्याय ने कहा कि श्री ठेंगड़ी जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक संगठन में नहीं बांधा जा सकता है। इस दृष्टि से हम सभी संगठनों ने समग्र रूप से उनके बहुआयामी पक्ष को ध्यान में रखकर देशभर में समग्र आयोजन करने का निर्णय लिया है। श्री उपाध्याय ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी का संदेश है, ''केवल विचार नहीं, विचार को क्रिया में बदलो'', इस हेतु हम सभी को निरंतर कार्य करना होगा। उन्होंने समिति के द्वारा जन्म शताब्दी समारोह आयोजन के निमित्त बनी कार्ययोजना की जानकारी दी।
मंचीय कार्यक्रम के पूर्व श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्मशताब्दी समारोह आयोजन समिति की बैठक पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें देशभर से विभिन्न आयामों में कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकताओं ने सदस्य के तौर पर अपने सुझाव देकर वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई।
आयोजन समिति के द्वितीय सत्र में सरसंघचालक मोहन भागवत के आतिथ्य में दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के व्यक्तित्व पर बने वृत्तचित्र, वेबसाइट व प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया गया। मौके पर कार्यक्रम का संचालन भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी जी ने किया। आभार प्रदर्शन स्वदेशी जागरण मंच के अजय पत्की द्वारा किया गया। इस अवसर पर समाज के अन्यान्य संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ व स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।