दावों के बाद भी थम नहीं रही पराली जलाने की घटनाएं

Kahan Singh K.S. Pannu IAS Secretary Agriculture Punjab


चंडीगढ़, शनिवार, 2 नवम्बर 2019। दावों के बाद में पंजाब में पराली जलाने की घटनांए कम नहीं हो रही हैं। लुधियाना के रिमोट सेंसिंग सेंटर के आँकड़ों के अनुसार 23 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच पंजाब के गाँवों में पराली जलाने की 22,137 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसी समान अवधि में पिछले साल 17,646 केस दर्ज किए गए थे जिसमें 22 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
ज्ञात हो कि पंजाब की 29 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में फसल से 220 लाख टन पराली इक_ी होती है। इतनी बड़ी संख्या में पराली जलाने का असर दिल्ली की हवा पर पड़ता है। हरियाणा में 13 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर अक्टूबर में 4,257 आग जलाने की घटना दर्ज की गई है।
सरकारी दावों के बाद भी किसान की पहुँच से मशीनें दूर
पंजाब और हरियाणा सरकार का दावा है कि किसानों को पराली जलाने के स्थान पर उन्हें दूसरे तरीके से नष्ट करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। पंजाब के कृषि सचिव के.एस. पन्नू का कहना है कि सरकार ने पिछले साल से अब तक 500 करोड़ रुपये पराली जलाने पर खर्च किए हैं। इसके तहत पिछले साल 28,000 मशीनों को लगाया गया था और इस साल यह आँकड़ा 17,000 का है। हालांकि, इन मशीनों की कीमत 55 हजार से बढ़कर 2.7 लाख तक पहुँच गई है, जो आम किसानों की पहुँच से दूर है।